November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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बदलते मौसम के साथ बढ़ने लगे डायरिया के मरीज

दूषित भोजन पानी से होता है डायरिया

स्वस्थ और स्वच्छता व्यवहार को अपनाकर करें दस्त रोग की रोकथाम

बहराइच(राष्ट्र की परम्परा) डायरिया यानि दस्त रोग पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है। ऐसे तो यह किसी भी मौसम में हो सकता है लेकिन गर्मी और बरसात में इसकी संख्या बढ़ जाती है। जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती नए 31 बच्चों में 25 बच्चे डायरिया से पीड़ित हैं । बाल रोग विशेषज्ञ डॉ एस के त्रिपाठी के अनुसार डायरिया दूषित भोजन व पानी के सेवन से होने वाला आंत में संक्रमण का एक लक्षण है l जो विभिन्न प्रकार के जीवाणु वायरल और परजीवी जीवों के कारण होता है। समय रहते इसकी रोकथाम न की जाय तो यह जानलेवा हो सकता है ।
दस्त रोग के कारण डॉ त्रिपाठी ने बताया ज्यादातर मामलों में दस्त रोग दूषित पेयजल के उपयोग से होता है। ऐसे नल,हैंडपंप,तालाब या अन्य पानी के स्रोत जो खुले में शौच या दूसरी गंदगी की वजह से प्रदूषित हो गए हों उनका उपयोग हाथ धोने, नहाने,पीने या खाना बनाने से दस्त होने की पूरी संभावना रहती है। इसके अलावा आस-पास गंदा वातावरण या खुले में शौच पर बैठी मक्खियों के माध्यम से दूषित भोजन व पानी के उपयोग व शौच के बाद बच्चे का मल साफ करने के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन पानी से न धोने पर भी दस्त रोग हो सकता है l प्रभारी सीएमओ डॉ राजेश कुमार ने बताया डायरिया पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है। बीमारी की शुरुआत में छह माह से अधिक उम्र के बच्चों को जिंक व ओआरएस घोल के साथ घर पर मौजूद तरल पदार्थ जैसे छाछ, नीबू पानी,दाल या सब्जी का सूप, ताजे फलों का रस,सादा स्वच्छ पानी पिलाना चाहिए। इस दौरान बच्चे को स्तनपान ज्यादा बार कराना चाहिए। उन्होंने बताया दस्त होने पर किसी प्रकार की भ्रांतियाँ न पालें बल्कि स्वस्थ और स्वच्छता के व्यवहार को अपनाकर दस्त का उपचार करना चाहिए। दस्त रोग से जुड़ी भ्रांतियाँ बच्चे को नज़र लगना,बच्चे की नाल खिसक जाना,बच्चे के दाँत निकलते समय,गर्मी से आकार बच्चे को स्तनपान कराने से,माता द्वारा बदपरहेजी करने से,छोटे बच्चों का रखे विशेष ख्याल,छह माह तक की आयु के बच्चों को सिर्फ माँ का दूध दें,ऊपर से पानी भी नहीं,बोतल निपुल से ऊपरी दूध न पिलाएँ,छह माह से अधिक आयु के बच्चों को कटोरी चम्मच से ऊपरी आहार दें lओआरएस घोल से करें उपचार, बीमारी की शुरुआत में छह माह से छोटे शिशु को ओआरएस घोल के साथ सिर्फ स्तनपान कराते रहें l छह माह से अधिक उम्र के बच्चे को ओआरएस घोल के साथ 14 दिन तक ज़िंक की गोली दें,ज़िंक और ओआरएस नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र, आशा या एएनएम के पास उपलब्ध है। इन लक्षणों में तुरंत अस्पताल ले जाएँ एक घंटे में दो या तीन बार दस्त होना,बच्चा सुस्त या बेहोश हो,बुखार हो,बच्चा कुछ भी पीने या स्तनपान करने में असमर्थ हो,मल में खून आता हो,बहुत अधिक प्यास लगना