July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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डीडीयू ने “समर्थ” के माध्यम से प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण की शुरुआत

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। राजभवन, उत्तर प्रदेश तथा प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए निर्णय के क्रम में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपनी सभी प्रक्रियाओं को डिजिटल- ऑनलाइन करने हेतु “समर्थ” पोर्टल का उपयोग प्रारंभ कर दिया है। यह पोर्टल दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया गया है। गोरखपुर विश्वविद्यालय ने दो सप्ताह पूर्व ही कुलाधिपति की उपस्थिति में “समर्थ” पोर्टल पर कार्य करने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया है।
इस पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों की प्रवेश से लेकर परीक्षाओं तथा उपाधि तक की सभी क्रियाएं ऑनलाइन होंगी। साथ ही सभी शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती, वेतन, प्रोनती आदि भी “समर्थ” के माध्यम से की जा सकेंगी। विश्वविद्यालय की सभी गतिविधियों, हॉस्टल, खेल आदि सभी को “समर्थ” के माध्यम से मॉनिटर और पारदर्शी रूप से संपादित किया जा सकेगा।
इस प्रक्रिया के तहत गोरखपुर विश्वविद्यालय ने सत्र 2024-2025 में प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों का रजिस्ट्रेशन “समर्थ” से करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। विश्वविद्यालय में संचालित सभी उपाधियों (प्रोग्राम) और उनमें आवश्यक कोर्सेज को “समर्थ” पोर्टल पर कॉन्फ़िगर किया जा रहा है।
छात्रों के रजिस्ट्रेशन के लिए न केवल विश्वविद्यालय परिसर बल्कि सभी 340 सम्बद्ध महाविद्यालयों का भी इस पोर्टल पर लॉगिन बनाया जा रहा है। “समर्थ” में अलग-अलग मॉड्यूल्स के माध्यम से छात्रों का विश्वविद्यालय जीवन, सभी कर्मियों का हिसाब, इ-गवर्नेंस, फाइनेंस सब कुछ सुव्यवस्थित किया जा सकेगा।
“समर्थ” के माध्यम से विश्वविद्यालय के सभी कार्य आसान, पारदर्शी तथा त्रुटिरहित हो जाने की संभावना है। इस प्रक्रिया के तहत विभिन्न कार्यों के लिए समर्पित टीमें जैसे विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्रों के प्रवेश से परीक्षा, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती से पदोन्नति और अवकाश प्रबंधन, फाइल ट्रैकिंग, वित्तीय प्रबंधन आदि, केवल इस पोर्टल के माध्यम से ही किए जाएंगे।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा का कहना है कि “हम विश्वविद्यालय की सभी प्रक्रियाओं को डिजिटल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। समर्थ पोर्टल के माध्यम से हम छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को एक पारदर्शी, सुव्यवस्थित और त्रुटिरहित प्रणाली प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं। यह पहल विश्वविद्यालय को आधुनिकता की ओर ले जाएगी और सभी संबंधित पक्षों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाएगी।”