
उतरौला/बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा) क्षेत्र के अधिकतर गाँव के किसान असिंचित एरिया होने के कारण नहर के भरोसे खेती करते हैं। इस समय नहरों में पानी न होने से उनकी खेती सिचाई नहीं हो पा रही है। गेहूं, चना, मटर, मसूर, लाही, सरसों, आलू आदि फसलों को वर्तमान में पानी की बेहद जरूरत है।जिसको लेकर नहर में पानी आने का इंतजार किसान कर रहे हैं। किसान अंबिका, राज मोहम्मद, सोमई, बीपत राम, अब्दुल कादिर, मोहम्मद नजीर, एहसानुल्लाह, मुर्तजा, हसन मोहम्मद आदि किसानों का कहना है कि साधन संपन्न किसान अपने निजी पंपिंग सेटों से सिचाई कर लेते हैं वहीं छोटे किसान पानी के लिए महंगे संसाधनों के प्रयोग करने में हिचकिचाते है सैकड़ों किसान नहर के भरोसे खेती करते हैं नहर में पानी न आने के कारण जो किसान गेहूं की बुआई कर चुके हैं फसलें उगी हैं उन्हें अब सिचाई की जरूरत है लेकिन पानी न मिलने के कारण फसलें बर्बाद हो रही है किसानों का आरोप है कि सिचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मनमानी करते हैं जब पानी की आवश्यकता रहती है तो नहर सूखा रहता है और जब आवश्यकता नहीं होती है तब नहर में पानी छोड़ा जाता है ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों से नहर में पानी छोड़ने का अनुरोध किया है।
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