गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय स्थित महायोगी गुरु श्रीगोरखनाथ शोधपीठ द्वारा नाथपंथ विश्वकोष का निर्माण कार्य कुलपति प्रो पूनम टंडन के संरक्षण में प्रारम्भ हो गया है। शोधपीठ के उप निदेशक डॉ. कुशल नाथ मिश्र ने बताया कि भारतीय धरोहर नाथपंथ के विश्वकोश को कुल सात खण्डों में विभाजित किया गया है। इस विश्वकोष में नाथपंथ के सारे परम्पराओं, उसके तकनीकी शब्दावली, उसकी पृष्ठभूमि, दार्शनिक एवं यौगिक पक्ष, उसके साहित्य एवं उसके योगदान का समावेश होगा।
इस विश्वकोष का संपादन एवं लेखन देश भर के नाथपंथ के प्रतिष्ठित विद्वानों द्वारा कराया जाएगा। इस विश्वकोश के विषय विशेषज्ञो की सूची को भी अन्तिम रूप प्रदान कर दिया गया है।
इस विश्वकोश के प्रथम भाग में नाथ सम्प्रदाय की मूल अवधारणा, नाथ सम्प्रदाय का प्रवर्तन, नाथ सम्प्रदाय का इतिहास, नाथ सम्प्रदाय की दार्शनिक मान्यताएँ, अन्य विशेषताएँ, नाथ सम्प्रदाय के सिद्ध आचार्य, संत, महंत, नाथ सम्प्रदाय के अध्येता आदि का समावेश होगा।
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