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महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। जिले के नौतनवां ब्लाक क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों में स्वच्छता की स्थिति दयनीय बनी हुई है। सरकार द्वारा गांवों को स्वच्छ और विकसित बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर इस पहल का प्रभाव नही दिखाई दे रहा है। गांवों को पहले ओडीएफ खुले में शौच मुक्त और फिर ओडीएफ प्लस का दर्जा दिया गया, परंतु यह केवल कागजों तक ही सीमित रह गया है।
ग्राम पंचायतों की सड़कों पर मानव मल एवं जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जिससे न केवल दुर्गंध फैल रही है बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। नालियां जाम हैं, कूड़ा नियमित रूप से नहीं उठाया जाता और जल-भराव की समस्या विकराल होती जा रही है।स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। पंचायतों को फंड भी जारी किया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण यह योजनाएं सिर्फ कागजों में ही सीमित रह गई हैं। गांवों में साफ-सफाई की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय प्रशासन और ग्राम पंचायतों की निष्क्रियता के चलते सरकार की स्वच्छता संबंधी योजनाएं असफल हो रही हैं। सफाई कर्मियों की अनियमितता और अधिकारियों की अनदेखी के कारण गांवों में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद भी जिम्मेदारों द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती।
सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वच्छता योजनाओं को सही तरीके से लागू करने के लिए निगरानी प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता है। सफाई कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाए और ग्राम प्रधानों को गांव की सफाई व्यवस्था में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए। इसके अलावा, ग्रामीणों को गांव मे स्वच्छता से सम्बंधित जागरूकता रैली, नुक्कड़ कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाय।
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