उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)। अचानक हो रहे मौसम में बदलाव—कभी तेज धूप और झुलसाने वाली गर्मी, तो कभी अचानक ठंडी हवाओं के साथ मौसम का ठंडा हो जाना—क्षेत्रवासियों के लिए नई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आ रहा है। मौसम की इस अस्थिरता का सबसे अधिक प्रभाव बच्चों, वृद्धों और पहले से बीमार लोगों पर देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार इस मौसम में सर्दी, जुकाम, वायरल बुखार, खांसी, निमोनिया, एलर्जी और पेट से जुड़ी बीमारियां तेजी से फैल सकती हैं। इस संबंध में डॉ. चंद्र प्रकाश सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उतरौला ने बताया कि मौसम के बदलाव से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे व्यक्ति जल्दी संक्रमित हो सकता है। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को इस मौसम में अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। डॉ. सिंह ने सुझाव दिया कि इस मौसम में अधिक से अधिक पानी पिएं, हल्का और ताजा भोजन लें, भीगने या पसीने से भीगे कपड़ों को तुरंत बदलें। साथ ही, घर में साफ-सफाई और मच्छरों से बचाव पर भी ध्यान दें, क्योंकि इस मौसम में डेंगू व मलेरिया का भी खतरा बढ़ जाता है। चिकित्सा अधीक्षक ने यह भी बताया कि यदि किसी को लगातार बुखार, खांसी या थकावट महसूस हो रही है, तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच करानी चाहिए। उन्होंने जनता से अपील की कि मौसम की इस करवट को हल्के में न लें और सतर्क रहें, ताकि किसी बड़ी बीमारी से बचा जा सके।
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