वट-वृक्ष की शीतल छाया में,बैठे थे दो प्राणी चुपचाप—एक चंचला चपल गिलहरी,दूजा हरा-पीला तोता...
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लोकतांत्रिक भारत हमारा कर्तव्य हमारी जिम्मेवारी जनतंत्र की जान सजग नागरिक और सतत भागीदारी...
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ज्योतिराव फूले, जिन्होंने समाज को आँखें दीं। धूप थी अज्ञान की, अंधकार था घना,उग...
भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी अधिकार आज निजी संस्थानों के लिए मुनाफे...
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“है प्रीत जहाँ की रीत सदा मैं गीत वहाँ के गाता हूँभारत का रहने...