
उतरौला/बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)
उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए स्वयंभू पीर छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के नेटवर्क की परतें खुलने के साथ ही प्रशासन भी अब सख्त कार्रवाई के मोड में है। इसी क्रम में मंगलवार को उतरौला तहसील प्रशासन ने नीतू नवीन रोहरा पत्नी नवीन रोहरा के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला दिया।
बता दें कि बीते 17 मई को तहसीलदार न्यायालय उतरौला ने नीतू रोहरा को ग्राम सभा मधपुर स्थित गाटा संख्या 337/370 (रकबा 0.0060 हेक्टेयर) पर किए गए अवैध कब्जे को लेकर नोटिस जारी किया था, जिसमें सात दिनों के भीतर स्वयं अतिक्रमण हटाने का निर्देश था। लेकिन निर्धारित समयावधि तक अतिक्रमण न हटाए जाने के बाद प्रशासन ने मंगलवार को JCB मशीनों की मदद से निर्माण को ध्वस्त कर दिया।
प्रशासनिक सूत्रों और खुफिया जांच में सामने आया है कि नीतू रोहरा छांगुर पीर के करीबी नेटवर्क में शामिल थी और कई बार उसके आयोजन व “धार्मिक क्रियाकलापों” की मेजबानी करती रही है। नीतू पर गरीब व असहाय महिलाओं को धर्मांतरण जाल में फंसाने के आरोप भी लगे हैं।
छांगुर पीर का गिरोह केवल अवैध धर्मांतरण तक ही सीमित नहीं था, बल्कि सरकारी जमीन पर कब्जा, प्रशासनिक तंत्र में पैठ, और फर्जी धार्मिक संस्थाओं के नाम पर फंडिंग हड़पने जैसे गंभीर आरोप भी सामने आ चुके हैं। नीतू रोहरा का यह निर्माण उन्हीं गतिविधियों से जोड़कर देखा जा रहा है।
नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में यह संदेश तेजी से फैल रहा है कि अब प्रशासन ऐसे सभी लोगों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है, जिन्होंने धर्म की आड़ में सामाजिक तानेबाने को छिन्न-भिन्न करने की कोशिश की। नीतू रोहरा के घर पर बुलडोजर चलाए जाने को छांगुर नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।
कार्रवाई के दौरान गैण्डास बुजुर्ग पुलिस व तहसील प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद रही। किसी भी संभावित विरोध को रोकने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था। JCB मशीनों ने कुछ ही घंटों में पूरा अवैध ढांचा जमींदोज कर दिया।
जहां एक ओर आम नागरिकों ने इस कदम की सराहना की है, वहीं कुछ समूह इसे धार्मिक भेदभाव बताकर विरोध जता रहे हैं। हालांकि प्रशासन का कहना है कि यह पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई कार्रवाई है और आगे भी अवैध कब्जे व छांगुर नेटवर्क से जुड़े सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
बेदखली नोटिस के 50 दिन बाद हुई इस बुलडोजर कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अब उत्तर प्रदेश सरकार छांगुर पीर जैसे तत्वों के नेटवर्क को नष्ट करने के लिए निर्णायक मोड में आ चुकी है। अवैध कब्जा, फर्जी धर्मगुरुओं का संरक्षण और धर्मांतरण — अब किसी को नहीं बख्शा जाएगा।
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