संगठनात्मक फेरबदल के बाद अब राष्ट्रीय नेतृत्व पर टिकी निगाहें
नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में इन दिनों बड़े पैमाने पर संगठनात्मक फेरबदल चल रहा है। हाल ही में पार्टी ने छह राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की प्रदेश इकाइयों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति की है। अब पार्टी का फोकस अपने शीर्ष पद, यानी राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति पर केंद्रित हो गया है।
वर्तमान में जे.पी. नड्डा 2020 से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। उनका कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त होना था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों को देखते हुए पार्टी ने उनके कार्यकाल को विस्तार देते हुए जून 2024 तक बढ़ा दिया था। अब जबकि लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और एनडीए की सरकार फिर से सत्ता में लौट चुकी है, ऐसे में भाजपा नेतृत्व नए अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया में जुट गया है।
सूत्रों के अनुसार, इस बार पार्टी एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार किसी महिला नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकती है। हालांकि नामों पर पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन संगठन से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व महिलाओं को संगठन में और बड़ी भूमिका देने के पक्ष में है।
संभावित नामों की चर्चा तेज
पार्टी सूत्रों की मानें तो कुछ सशक्त महिला नेताओं के नामों पर विचार किया जा रहा है, जिनमें केंद्रीय मंत्रिमंडल की वरिष्ठ महिला सदस्य और लंबे समय से संगठन में सक्रिय नेताओं के नाम शामिल हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण और उत्तर प्रदेश से पूर्व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का बताया जा रहा है। हालांकि अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और संगठन महासचिव बी.एल. संतोष की राय से होगा।
महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा
भाजपा ने हाल के वर्षों में महिलाओं को राजनीति में आगे लाने के लिए कई योजनाएं और अभियान चलाए हैं। मिशन शक्ति, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे कार्यक्रमों के साथ-साथ संगठन में भी महिलाओं को सक्रिय भूमिकाएं दी गई हैं। ऐसे में यदि पार्टी महिला अध्यक्ष की नियुक्ति करती है तो यह न केवल ऐतिहासिक होगा, बल्कि आगामी चुनावों और महिला वोट बैंक को भी एक सशक्त संदेश जाएगा।
संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया शुरू
बताया जा रहा है कि भाजपा में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया जुलाई के मध्य तक पूरी की जाएगी और इसी दौरान नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा संभव है। आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों को देखते हुए संगठन के इस पुनर्गठन को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा अपने इतिहास में पहली बार किसी महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपती है या फिर कोई अनुभवी पुरुष नेता फिर से कमान संभालते हैं। पार्टी के भीतर और बाहर, दोनों ही स्तरों पर इस मुद्दे को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं।
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