July 9, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

भारत बंद का केरल में व्यापक असर, जनजीवन ठप — परिवहन सेवाएँ ठप, बाजार बंद, सड़कें सुनसान

केरल (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) देशभर में केंद्र सरकार की श्रम विरोधी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते हुए 10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आयोजित ‘भारत बंद’ का केरल में ज़बरदस्त असर देखने को मिला। इस बंद को कई किसान संगठनों का भी समर्थन प्राप्त है। इसके चलते केरल राज्य का सामान्य जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया।

व्यापक जनसहभागिता, जनजीवन ठप

राज्य के कोझिकोड, मलप्पुरम, कन्नूर और कासरगोड जैसे ज़िलों में भारत बंद का पूर्ण प्रभाव देखने को मिला। इन क्षेत्रों के अधिकांश कस्बे और बाज़ार पूरी तरह बंद रहे। सड़कों पर वाहन नदारद रहे जिससे सड़कें सुनसान दिखीं। आम लोग घरों में ही सिमटे रहे और आवश्यक सेवाओं को छोड़ अधिकतर संस्थान, दुकानें, कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे।

परिवहन सेवाएँ ठप, बसों की आवाजाही रोकी गई

बंद के दौरान राज्य भर में सार्वजनिक परिवहन बुरी तरह प्रभावित हुआ। केएसआरटीसी (केरल राज्य सड़क परिवहन निगम) की बसों की आवाजाही प्रदर्शनकारियों द्वारा रोकी गई। कोच्चि और कोल्लम में प्रदर्शनकारियों ने केएसआरटीसी की कई बसों को बीच रास्ते में रोक दिया।
एक महत्वपूर्ण घटना में, सीआईटीयू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स) के सदस्यों ने कोच्चि से कोझिकोड जा रही एक लो-फ्लोर बस को जबरन रोककर यात्रियों को नीचे उतार दिया, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

संघर्ष का केंद्र – श्रम अधिकार और किसान मांगें

संयुक्त ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि केंद्र सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, श्रम कानूनों में उद्योगपतियों के हित में बदलाव कर रही है और सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को कमजोर कर रही है। इसके साथ ही, किसानों की समस्याओं और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर भी यह बंद आयोजित किया गया।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि केंद्र की जनविरोधी नीतियाँ मज़दूरों, किसानों, छोटे व्यापारियों और आम जनता के हितों के खिलाफ हैं। भारत बंद का उद्देश्य देशभर में इन मुद्दों को लेकर चेतना फैलाना और सरकार पर दबाव बनाना है।

प्रशासन सतर्क, कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं

हालांकि कुछ स्थानों पर हल्का तनाव देखने को मिला, लेकिन पुलिस और प्रशासन की सतर्कता से स्थिति नियंत्रण में रही। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए निगरानी बढ़ाई गई थी।