क्या हादसे को जन्म दे रही हैं पावर लूम कारखाने की बिल्डिंग

नीचे कपड़े का कारखाना ऊपर रहने वालों का मकान

भिवंडी/महाराष्ट्र(राष्ट्र की परम्परा)
भिवंडी में अधिकतर रहवासी बिल्डिंगो के नीचे पावर लूम कारखाने चलाए जा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि पावर लूम कारखाने जब चलाए जाते हैं तो जमीन में कंपन पैदा होता है, जिसके कारण रहवासी बिल्डिंगों की नीव कमजोर हो जाती है। क्या पावर लूम कारखाने चलने से बिल्डिंग हादसा को बढ़ावा मिल रहा है? पिछले 8 वर्षों में 6 बड़े हादसे हो चुके हैं, इन हादसों में 62 लोग अपनी जान गवा चुके हैं। और दर्जनों घायल होकर शारीरिक अस्वस्थ हो चुके हैं। फिर भी प्रशासन इन पर किसी भी प्रकार की उचित व कठोर कार्रवाई नहीं कर रही है। आज भी सैकड़ो पावर लूम कारखाने इसी तरह चलाए जा रहे हैं। “नीचे कपड़े की दुकान ऊपर रहवासियों के मकान” अगर ऐसी हालत रही तो इस तरह के हादसे होते रहेंगे।
यहां के स्थानिक रहवासियों का कहना है कि भिवंडी पावर लूम उद्योग नगरी होने के कारण, यहां पर सभी दूसरे प्रांत से आकर अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं। भिवंडी में लगभग साढ़े 6 लाख से ज्यादा कारखाने है। सैकड़ो कारखानो में नीचे कारखाना तथा ऊपर रहने के लिए बगैर किसी मनपा के इजाजत लिए बगैर ऊपर मकान बनाकर भारी रकम में बेच दिए हैं, अथवा उसे भाड़े पर देकर भाडा वसूल रहे है। पावर लूम कारखाने की खटपट आवाज तथा शोरगुल के अलावा पावर लूम में होने वाले वाइब्रेशन (कंपन) के कारण बिल्डिंगे हिलती रहती हैं, जिससे हादसा होने का खतरा बना रहता है। स्थानीय निवासी रमेश ने बताया कि जब कारखाना चलाया जाता है उस वक्त बिल्डिंग में कंपन पैदा होती है। जिसको देखकर हादसा से इनकार नहीं किया जा सकता। और बिल्डिंगे पुरानी हो जाने के कारण हादसे का शिकार भी हो जाती है। हालांकि 2020 में हुए जलानी बिल्डिंग हादसे को गंभीरता से लेते हुए, तत्कालीन आयुक्त डॉ, पंकज आशिया ने इस तरह के कारखाने को चिन्हित करते हुए मशीनरी के साथ-साथ किसी अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। परंतु मनपा प्रभाग समिति अधिकारियों द्वारा कार्यवाही न किए जाने के कारण आज भी हालत ज्यों के त्यों बने हुए हैं।
अगर हादसों की बात करें तो 2014 पिरानी पड़ा बिल्डिंग हादसे में तीन लोगों की मौत हुई, 2015 आप बीबी रोड बिल्डिंग हादसे में आठ लोगों की जान ली, देवी नगर बिल्डिंग हादसे में नौ लोगों ने अपनी जान गवाई, 2020 21 सितंबर की काली रात जिलानी बिल्डिंग हादसे में 40 लोगों की जान ली, और 2023 में अभी एक हफ्ते पहले दो लोगों ने अपनी जान गवाई, और अगर इन पुरानी बिल्डिंगों तथा पावर लूम कारखाने के ऊपर रहने वाले मकान पर कार्यवाही नहीं की गई तो हादसों का पुनरावृति हो सकता है।

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