Thursday, November 20, 2025
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आम महोत्सव के द्वितीय दिवस भी 30- 35 हजार लोगों ने प्रदर्शनी का उठाया लुत्फ

लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा) उत्तर प्रदेश आम उत्पादन के क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा राज्य है। प्रदेश में लगभग 3.23 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आम के बाग है, जिसमें लगभग 58 लाख मीटिंक टन आम उत्पादित होता है। इस प्रकार देश के कुल आम उत्पादन का लगभग 25 से 30 प्रतिशत आम उत्पादन उत्तर प्रदेश में किया जाता है। आम प्रदेश की जैव विविधता में प्रमुख स्थान रखता है और यह कहना अतिश्याेिक्त नहीं होगा कि यह फल हर आम-ओ-खास के दैनन्दिनी जीवन में धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पोषण की आवश्यकता में अग्रणी महत्व रखता है। उत्तर प्रदेश आम महोत्सव-2024 का उद्घाटन दिनांक 12 जुलाई को मुख्यमंत्री के कर-कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ। महोत्सव के दूसरे दिन प्रदर्शनी में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये किसानों/बागवानों तथा लखनऊ शहर के सम्मानित नागरिकों, जन प्रतिनिधियों द्वारा महोत्सव में विभिन्न प्रकार के लगभग 800 किस्मों के प्रदर्शों का अवलोकन किया गया। अरूणिका, पूसा अरूणिमा, अम्बिका, पूसा सूर्या, पूसा लालिमा, पूसा पीताम्बरा आदि आम की रंगीन किस्मों को देखकर किसान बन्धु अति उत्साहित हुए तथा महोत्सव स्थल पर लगे स्टॉलों पर पहुँच कर आम को चख कर रसास्वादन भी किया गया, बढ़ते मधुमेह रोगियों के लिए वरदान सिद्ध हुई आम की टामी-एटकिन्स प्रजाति विगत वर्ष की भॉति मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही। आम की सेन्सेशन प्रजाति अपने रंग एवं आकार के कारण जन-मानस को आकर्षित करने में सफल रही। महोत्सव में आये कृषकों एवं लखनऊ शहर के नागरिकों द्वारा उद्यान विभाग की पौधशालाओं एवं निजी क्षेत्र के पंजीकृत पौधशालाओं द्वारा लगाये आम के कलमी पौधों के स्टॉल से जाँच परख कर उच्च गुणवत्ता की विभिन्न प्रजातियों मल्लिका, आम्रपाली, हुस्ने-ए-आरा, अम्बिका, अरूणिमा, चौसा, लगंड़ा, दशहरी, रामकेला आदि के कलमी पौधों का क्रय किया गया।प्रदर्शनी देखने आये आगन्तुकों में सम्मानित भाई बहनों, बच्चों, जन-प्रतिनिधियों तथा कृषकों में प्रर्दशनी को देखने में अति उत्साह रहा। आम का उत्पादन उत्पादकता, प्रसंस्करण एवं विपणन तथा निर्यात सम्बन्धी तकनीकी जानकारी बागवानों एवं आगन्तुकों को उपलब्ध कराने के हितार्थ तकनीकी सत्र का संचालन डा0 सर्वेश कुमार संयुक्त निदेशक उद्यान की. देख-रेख में किया गया।सर्वप्रथम डा0सर्वेश कुमार द्वारा तकनीकी सत्र में उपस्थित सभी बागवानों एवं वक्ताओं को स्वागत किया गया एवं गुणवत्तापूर्ण आम उत्पादन के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। तत्पश्चात डा0 बी0पी0 राम, संयुक्त निदेशक खाद्य प्रसंस्करण नोडल अधिकारी आम महोत्सव-2024 के द्वारा आम की फसल के पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट के सम्बन्ध में जानकारी दी गई। डा0 अमर कान्त कुशवाहा, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ द्वारा वैरायटी संरक्षण एवं क्राप इंप्रवूमेंट विषय पर व्याख्यान दिया गया। डा0 आनन्द सिंह, प्राधाध्यपक, फल विभाग, कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा द्वारा जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में आम की बागवानी के सम्बन्ध मंे चर्चा की गई। डा0 पीयूष पाण्डेय द्वारा आम उत्पादन में संरक्षित खेती की महत्ता एवं सहफसली खेती विषय पर चर्चा की गई। डा0 सोनम सिंह, औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र, सहारनपुर द्वारा आम में पोषक तत्वों की व्यवस्था विषय पर बागवानों को संबोधित किया गया। डा0 अमित कुमार, पौध संरक्षण अधिकारी, क्षेत्रीय केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्र, जैविक भवन, लखनऊ द्वारा आम के निर्यात हेतु फाइटोसाइनेटंी मानक एवं ग्रेडिंग, पैकेजिंग विषय पर व्याख्यान दिया गया। तकनीकी सत्र में प्रगतिशील कृषकों में रणन्जय सिंह, अमेठी एवं डा0 विमल, खुर्जा बुलन्दशहर द्वारा आम के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। शनिवार को बच्चों के लिए आम खाने की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया एवं संध्या काल में आये हुए कृषकों के मनोरंजन हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम का किया गया। आम महोत्सव के द्वितीय दिवस भी 30 से 35 हजार आगंतुकों ने प्रदर्शनी का लुत्फ लिया।

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