कृषि विज्ञान केन्द्र पर विष मुक्त खेती एवं नशामुक्त गाँव विषयक पर चर्चा परिचर्चा आयोजन किया गया - राष्ट्र की परम्परा
August 20, 2025

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कृषि विज्ञान केन्द्र पर विष मुक्त खेती एवं नशामुक्त गाँव विषयक पर चर्चा परिचर्चा आयोजन किया गया

अंधाधुंद उर्वरकों के प्रयोग से कृषि युक्त खेती अब खाराब होती जा रही है: संजीव श्रीवास्तव

सहजन का फल मनुष्य को स्वस्थ रखने में बहुत ही लाभकारी है : डॉ के एम सिंह

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । जनपद के प्रगतिशील किसान तथा पर्यवारण व जल संरक्षण से जुड़े प्रतिनिधियों ने कृषि विज्ञान केन्द्र सभागार में पर्यवारण चौपाल का आयोजन कर समूचे जनपद में पर्यावरण संरक्षण , जल संरक्षण अभियान को गति देने व विष मुक्त खेती तथा नशामुक्त गाँव विषयक पर चर्चा परिचर्चा का आयोजन किया।
पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का अधिकाधिक संख्या में रोपण कर रोपित पौधों को संरक्षित करने का सामुहिक संकल्प भी लिया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में आयोजित चौपाल में कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक व महामना मालवीय मिशन से जुड़े पदाधिकारी , किसान परिषद , प्रगतिशील किसान मंच आदि से जुड़े पदाधिकारियों ने चर्चा परिचर्चा कर चौपाल को जगह जगह आयोजित करने पर भी सहमति बनाई गई।
कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित चौपाल को संबोधित करते हुए प्रभारी डॉ० के०एम०सिंह ने कहा की जनपद की कृषि भूमि अत्यधिक उपजाऊ व हर फसल के बेहतर उत्पादन के लिए सर्वथा उपयुक्त है। खेती को लाभप्रद बनाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों से व कृषि अधिकारियों से परामर्श व समन्वय कर यदि खेती की जाए तो निश्चित तौर पर खेती लाभप्रद होगी व कृषि आधारित रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा।
केवीके प्रभारी ने बताया की सहजन का फल मनुष्य को स्वस्थ रखने में बहुत ही लाभकारी है इसीलिए प्रत्येक किसान को सहजन का पेंड अपने ग्रह वाटिका में अवश्य लगाना चाहिए।
चौपाल आयोजक किसान परिषद संयोजक संजीव श्रीवास्तव एडवोकेट ने बताया की अंधाधुंद उर्वरकों के प्रयोग से कृषि युक्त खेती बांझ होती जा रही है तथा युकलिप्टस प्रजाति के अधिकाधिक संख्या में वृक्षारोपण व लगातार मैंथा खेती के बढ़ रहे परिक्षेत्र से भी खेती बांझ हो रही है ,और जलस्तर भी घट रहा है यह चिंता का विषय है। संजीव श्रीवास्तव ने कहा की आवश्यकता इस बात की है की पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का रोपण अनिवार्य रूप से किया जाए तथा रासायनिक खादों व कीटनाशक दवाइयों पर प्रतिबंध लगाकर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए ताकि वातावरण व पर्यावरण मानव जीवन के अनुकूल बना रह सके।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र शर्मा ने किया।धन्यवाद ज्ञापन प्रगतिशील कृषक जय कृष्ण मौर्य ने किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी पर्यावरण विद डॉ० राधेश्याम श्रीवास्तव ने पर्यावरण जल संरक्षण चौपाल को जगह – जगह आयोजित करने का आवाहन किया।
आयोजित चौपाल में प्रमुख रूप से वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ अनिल राजभर , कृषि विज्ञान केंद्र श्रावस्ती प्रभारी डॉ० विनय कुमार , समाजसेवी अखिलेश श्रीवास्तव , विवेक कुमार , पर्यावरण विद पुण्डरीक पाण्डेय , समाजसेवी राम रूप , प्रधानाचार्य महासभा अध्यक्ष रमेश मिश्र , समाजसेवी धनीराम मौर्य , पंकज वर्मा , डॉ० यस खबीर , प्रगतिशील किसान जे के सुखिया , किसान रमेश मिश्र , प्रगतिशील राम प्रताप वर्मा , श्याम मिश्र , आदि लोग उपस्थित रहे।
समापन अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी की ओर से बहुउपयोगी सहजन वृक्ष का वितरण कर पर्यावरण जल संरक्षण का संकल्प भी दिलाया गया।