July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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श्रीराम मंदिर में भक्तों के लिए भूमिगत सुरंग से नई आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत

मंदिर परिसर में 80 मीटर लंबी एक भूमिगत सुरंग तैयार

अयोध्या (राष्ट्र की परम्परा)। अयोध्याधाम के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भक्ति अब आधुनिक तकनीक के संग नए आयाम पर पहुंच रही है। पहली बार श्रद्धालु एक ऐसी आध्यात्मिक यात्रा पर निकलेंगे, जहां भव्यता, तकनीक और परंपरा एक साथ दिखाई देंगी। मंदिर परिसर में 80 मीटर लंबी एक भूमिगत सुरंग तैयार की गई है, जो श्रद्धालुओं को परिक्रमा पथ से सीधे जोड़ देगी। यह सुरंग न केवल एक निर्माणात्मक चमत्कार है, बल्कि यह भक्तों के लिए भीड़ से बचते हुए निर्बाध भक्ति का मार्ग भी बन गई है। श्रीराम मंदिर के पूर्वी सिंहद्वार के पास बनी यह सुरंग 15 फीट गहराई में है। जिसकी ऊंचाई 6 फीट और चौड़ाई 8 फीट रखी गई है। राजस्थान से लाए गए 2.7 टन वजनी नक्शीदार पत्थरों से बनी यह सुरंग स्थापत्य कला और श्रद्धा का अनूठा उदाहरण है। दीवारों पर की गई शिल्पकारी मंदिर की मूल भावना से मेल खाती है। जो प्रवेश करते ही श्रद्धालु को एक आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव कराती है। प्रोजेक्ट मैनेजर विनोद मेहता के अनुसार मंदिर परिसर का परकोटा अक्टूबर तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। अनुमान है कि मंदिर के पूर्ण उद्घाटन के बाद प्रतिदिन डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आएंगे। ऐसे में यह सुरंग भीड़ प्रबंधन और भक्तों की सुविधा के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। सुरंग से जुड़ने वाला यह परिक्रमा पथ लगभग 800 मीटर लंबा है। जहां एक साथ लाखों श्रद्धालु भक्तिभाव से परिक्रमा कर सकेंगे। यह प्रबंधन इस बात का प्रमाण है कि अयोध्या न केवल आध्यात्मिक राजधानी बन रही है, बल्कि तकनीकी समन्वय से भक्ति को और भी सहज और दिव्य बना रही है। यह सुरंग सिर्फ एक रास्ता नहीं, बल्कि श्रीराम के चरणों में पहुंचने का नया सेतु है जो श्रद्धा को भव्यता और आधुनिकता से जोड़ता है। अयोध्या की यह पहल आने वाले समय में विश्वभर के श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा बनेगी।