
गर्मी बढ़ते ही बढ़ी आगर के संतरा की पूछ परख
नलखेड़ा (राष्ट्र की परम्परा)। गर्मी बढ़ते ही संतरा की पूछ परख बढ़ गई है। नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी ने बड़ागांव क्षेत्र का निरीक्षण कर बताया कि बाजार में नागपुर के संतरे की टक्कर में आगर मालवा का संतरा आ चुका है। जो अपने आप में लोकल से ग्लोबल की ओर जा रहा है।
संतरा खाने से शरीर में पानी की पूर्ति होती रहती है। गर्मी के मौसम में संतरा को रसीले मौसमी फल के रुप में पसंद किया जाता है। आगर मालवा जिले में संतरा की पैदावार अधिक होने के कारण आगर मालवा को संतरा जिला घोषित किया गया है। नायब तहसीलदार अरूण चन्द्रवंशी द्वारा क्षेत्र के गांवों का निरीक्षण किया। नायब तहसीलदार अरूण चन्द्रवंशी ने बताया बड़ागांव क्षेत्र के 64 गांव और नलखेड़ा क्षेत्र के 36 गांवों में कुल 100 गांवों में संतरा की बड़ी मात्रा में खेती की जाती हैं । बडागांव क्षेत्र के गांव दावतपुर बास्या आनंदीखेडी पानखेडी बोरखेडी चापाखेडा झिड़कियां बडागांव टिकोन धनोरा, धरोला, सुई गांव, बोरखेडी, भैंसोदा, रिंडोली , टोलक्याखेडी, खेलागांव, भैंसोदा, ताखला आदि ऐसे गांव हैं जहां प्रत्येक गांव में 20 से 25 कृषक संतरा की खेती करते हैं। कृषक रामनारायण तेजरा ने बताया कि संतरा के पौधे 40 रुपये से 100 रूपये तक नर्सरी में मिल जाते हैं। संतरे का पौधा कलम के माध्यम से उगाया जाता है। नर्सरी से पौधा लेकर खेत में रोपना होता है। 4 से 5 साल में संतरे के पौधे में फल आने लगता हैं। संतरे के पौधे में पानी की बहुत आवश्यकता होती है। गर्मी के समय मे रोजाना दिन में एक बार संतरे के पौधे को पानी देना पड़ता है। बारिश के मौसम में पानी देने की आवश्यकता कम पड़ती है। संतरे के पौधे में 3 बहार आती है मृग बहार ( जुलाई में ), हस्त्र बहार ( अप्रेल में ), अंबिया बहार ( फरवरी में ) आती है। क्षेत्र में कुण्डालिया वृहद सिंचाई परियोजना अंतर्गत बांध बन जाने के कारण क्षेत्र में गर्मी के समय भी फसलों को पर्याप्त पानी मिल जाता है। रबी के सीजन का संतरा, खरीफ के सीजन के संतरे से ज्यादा मीठा होता है। संतरा के पौधे में रासायनिक और जैविक दोनों उर्वरकों की खाद डाली जाती है। रासायनिक खाद के रुप में पोटाश और जैविक खाद के रुप मे गोबर डाला जाता है। संतरा का फल आने के बाद इसकी तुड़ाई कर पैक करके फल मंडी में बेचा जाता है। नागपुर का संतरा सबसे अच्छा संतरा माना जाता है। आगर मालवा का संतरा भी बाजार में अच्छा पसंद किया जाता है। बाजार में संतरा 50 से 60 रुपये किलो बिक जाता है। रलायती गांव के किसान संतरे की फसल से इतना प्रभावित हुए कि गंगा सिंह ने 40 बीघा पर संतरे की खेती करते हैं। क्षेत्र से संतरे पैक होकर अन्य शहरो की फल मंडी में जाते हैं। जहां कृषकों को काफी अच्छे दाम मिल जाते हैं।
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