गुजरात (राष्ट्र की परम्परा)। हमारे समाज में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों ने एक गहरी चिंता पैदा कर दी है। बलात्कार, देह व्यापार और सेक्स रैकेट की घटनाओं का दायरा बढ़ता जा रहा है, जिससे समाज में असुरक्षा और भ्रष्टाचार के नए आयाम उभरते हैं। यह लेख इस अनैतिक परिपाटी पर गहरी नज़र डालता है, जहां राजनीति और समाज के प्रमुख लोग भी इस गंदे खेल का हिस्सा बनते हैं। सेक्स रैकेट की सच्चाई- हर रोज़ हम मीडिया में सेक्स रैकेट का खुलासा होते हुए देखते हैं। ये रैकेट केवल कुछ अपराध नहीं, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों का शोषण करने का एक तरीका बन गए हैं। लड़कियां, अपनी मजबूरी और आर्थिक स्थिति के कारण इस दलदल में फंसती हैं। कई बार उन्हें बेहतर जीवन का सपना दिखाया जाता है, लेकिन अंत में वह शोषण का शिकार हो जाती हैं। नेताओं और अधिकारियों की संलिप्तता ब्रजेश पांडे का सेक्स रैकेट बिहार में कांग्रेस के उपाध्यक्ष ब्रजेश पांडे का नाम एक बड़े सेक्स रैकेट से जुड़ा था, जिसे एक गलती के कारण उजागर किया गया था। इससे देशभर में हलचल मच गई थी।सीहोर का सेक्स रैकेट मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में एक योगाचार्य अनुपमा तिवारी का नाम सामने आया, जिन्होंने लड़कियों को समाज सेवा के नाम पर बहलाया और उनका शोषण किया। यह घटना समाज में एक गंभीर चिंता का विषय बनी। कर्नाटका और मध्यप्रदेश का कनेक्शन कर्नाटका में एसडीपीआई नेता शफीर का नाम सेक्स रैकेट में आया था, जबकि मध्यप्रदेश में 2018 में बीजेपी के नीरज शाक्या का नाम एक बड़े सेक्स रैकेट से जुड़ा था। राजनीति और समाज का गंदा चेहरा यह सत्य है कि सेक्स रैकेट के मामलों में राजनीति से जुड़े लोगों का नाम लगातार सामने आता है, जो यह दर्शाता है कि राजनीति में बैठे लोग किस हद तक अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं। ऐसे मामलों में नेताओं का नाम जुड़ने से यह सवाल उठता है कि क्या हम सच में एक सुरक्षित समाज और मजबूत लोकतंत्र की उम्मीद कर सकते हैं? महिला नेताओं का शोषण यहां तक कि महिला नेता भी इस गंदे खेल का हिस्सा बनती हैं। उदाहरण के तौर पर, सवाई माधोपुर में कांग्रेस और बीजेपी की महिला नेताओं का नाम एक सेक्स रैकेट में सामने आया। यह स्थिति समाज और राजनीति दोनों के लिए चिंताजनक है, क्योंकि यह साबित करता है कि कभी-कभी महिला ही महिला की दुश्मन हो सकती है। क्या राष्ट्रवाद पनप सकता हैं जब राजनीति से जुड़े लोग इस तरह के अनैतिक कार्यों में लिप्त होते हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या ये लोग हमारे देश के भविष्य के निर्माता हो सकते हैं? क्या ऐसे लोग राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा दे सकते हैं? जब तक इस तरह के लोग सत्ता में रहेंगे, हमारे देश में राष्ट्रवाद की कोई वास्तविक भावना नहीं पनप सकती। समाज की रक्षा कैसे करें समाज को सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए हमें सबसे पहले इन भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी होगी। यह सुनिश्चित करना होगा कि जो लोग राजनीति का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन्हें समाज से बाहर किया जाए। समाज की भलाई के लिए यह जरूरी है कि हम इन अनैतिक कार्यों के खिलाफ आवाज उठाएं और उन्हें पूरी तरह से समाप्त करने की दिशा में काम करें।निष्कर्ष: देश की राजनीति में अनैतिक कार्यों को बढ़ावा देने वाले लोग न केवल लोकतंत्र के लिए खतरा हैं, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा अभिशाप साबित हो सकते हैं। वासना की भूमि पर राष्ट्रवाद पनप नहीं सकता। हमें ऐसे भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों से लड़ने की जरूरत है, जो अपने पद का दुरुपयोग करते हैं और देश की सुरक्षा और सम्मान को खतरे में डालते हैं।
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