बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। वित्तीय वर्ष में प्रदेश में स्थापित सीबीजी प्लान्ट तथा अन्य बायोमास आधारित सम्बन्धित इकाईयों को फसल अवशेष उपलब्ध कराये जाने हेतु इन-सीटू एवं एसएमएएम योजनान्तर्गत एफपीओं एवं एफपीओं के सदस्य कृषकों के रूप में अनुदान पर कृषि यन्त्र उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में दिशा- निर्देश दिये गये हैं। जिसमें एग्रीगेटर हेतु एफपीओं का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जायेगा। चयन समिति द्वारा एफपीओं व एफपीओ के सदस्य कृषक का चयन कर चयन-पत्र जारी किया जायेगा। चयन के उपरान्त उप कृषि निदेशक द्वारा विभागीय पोर्टल पर एग्रीगेटर के रूप में एफपीओं और उसके उक्त लाभ हेतु चयनित कृषक का योजना के आवेदक के रूप में पंजीकरण कराया जायेगा। पंजीकरण के समय उप कृषि निदेशक द्वारा आवेदक का चयन पत्र भी अपलोड किया जायेगा। चयन/पंजीकरण के पश्चात लाभार्थी द्वारा क्रय किये गये यंत्रों के बिल अपलोड की व्यवस्था पोर्टल पर की जायेगी। एफपीओं को इस योजनान्तर्गत कस्टम हायरिंग सेन्टर (परियोजना लागत रू0 30 लाख) की स्थापना हेतु प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेन्ट ऑफ क्रॉप रेजिड्यू योजना के निर्धारित कृषि यन्त्र-ट्रैक्टर 60 एच0पी0 व अधिक, बेलिंग मशीन, स्ट्रा रेक एवं क्राप रीपर कृषि यन्त्र क्रय करना अनिवार्य होगा तथा इच्छुक एफपीओं आवश्यकतानुसार अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन के कृषि यन्त्र भी क्रय कर सकता है। जिस पर 80 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य होगा एवं इस योजनान्तर्गत चयनित एफपीओ के दो शेयर होल्डर सदस्य को कस्टम हायरिंग सेन्टर (परियोजना लागत रू0 10 लाख) की स्थापना हेतु (प्रति सदस्य एक सेन्टर) सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के निर्धारित कृषि यन्त्र ट्रैक्टर एवं ट्राली पर 40 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य होगा। एफपीओं के पास सी0बी0जी0 प्लान्ट या बायो मॉस आधारित प्लान्ट का एमओयू होना अनिवार्य है। सीबीजी प्लान्ट/बायो मॉस यूनिट से पराली एकत्र एवं क्रय करने का एमओयू होने पर ही लाभार्थी एफपीओं चयन हेतु पात्र होगा। कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओं) के चयन में एफपीओं का टर्न-ओवर रू0 10.00 लाख होना अनिवार्य है। अधिकाधिक वार्षिक टर्न ओवर वाले एफपीओं को वरीयता दी जाय। एफपीओं के शेयर होल्डर की संख्या 100 अनिवार्य है। अधिकाधिक शेयर होल्डर कृषक संख्या वाले एफपीओं को वरीयता दी जाय। एफपीओं द्वारा नियमित रूप से दाखित वार्षिक रूप से रिटर्न से अभिलेखीय पुष्टि की जाय। एफपीओ भारत सरकार/कम्पनी रजिस्ट्रार के यहॉ से प्रतिबन्धित न किया गया हो। किसी प्रकार की अनियमितता सम्बन्धी कोई वाद न्यायालय में लंबित न हो। कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना हेतु कृषक उत्पादक संघ (एफपीओं) का upfposhakti.com पोर्टल पर पंजीकरण अवश्य हो एवं सक्रिय होना चाहिए। कृषक उत्पादक संघ (एफपीओं) का अनुसूचित जाति श्रेणी में पंजीकरण करते समय यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि कुल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में से कम से कम 50 प्रतिशत बोर्ड आफ डायरेक्टर अनुसूचित जाति के हों। एफपीओं का सोसाइटी एक्ट/कम्पनी एक्ट में पंजीकरण एवं कम से कम 1 वर्ष पूर्व का होना अनिवार्य है। सोसाइटी एक्ट/कम्पनी एक्ट में अधिकाधिक समय से पंजीकृत एफपीओ को वरीयता दी जाय। एफपीओं द्वारा पूर्व में कृषि विभाग की योजनाओं (फार्म मशीनरी बैंक/कस्टम हायरिंग सेन्टर/एग्रीगेटर/हाई टेक हब फॉर कस्टम हायरिंग) में अनुदान का लाभ प्राप्त न किया हों।
कृषि यंत्रों के क्रय हेतु एआईएफ के माध्यम से ऋण की बाध्यता होगी। लाभार्थी को चयन की तिथि से 45 दिवस तक में कृषि यन्त्र क्रय कर बिल सम्बन्धित अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में उपलब्ध कराना होगा, अन्यथा की स्थिति में उसका चयन निरस्त कर दिया जायेगा। साथ ही अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में निर्धारित प्रारूप पर अपना आवेदन 10 दिसम्बर तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
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