Monday, September 15, 2025
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गोसदन मधवलिया के प्रबंधकारिणी समिति की बैठक आयोजित

बैठक में अहम मुद्दों पर हुआ विचार, प्रबंधकारिणी समिति की बनी सहमति

महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)।जिलाधिकारी अनुनय झा की अध्यक्षता में आज गोसदन मधवलिया की जिला प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक गोसदन परिसर में संपन्न हुई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने स्वदेशी नस्ल के गोवंशो के नस्ल सुधार हेतु दीर्घकालीन कार्ययोजना बनाकर उसके क्रियान्वयन का निर्देश दिया। उन्होंने नस्ल सुधार हेतु चिन्हित गोवंश के विस्तृत अभिलेखीकरण के लिए भी कहा। गोसदन में साइलेज बनाने का काम जल्द शुरु करने हेतु कड़ा निर्देश दिया।गो–कास्ट के निर्माण और बिक्री हेतु इच्छुक स्वयं सहायता समूहों के साथ अनुबंध करते हुए गो–कास्ट की बिक्री की रणनीति बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को विभिन्न माध्यमों से गोसदन की आय वृद्धि हेतु निर्देशित किया।
बैठक के उपरांत विधायक सिसवा ने कहा कि पहले गोसदन की स्थिति बेहद निराशाजनक थी। लेकिन विगत वर्षों के प्रयास के परिणामस्वरूप गोसदन में काफी कार्य शासन–प्रशासन द्वारा कराया गया है, लेकिन जरूरत गोसदन को आत्मनिर्भर बनाए जाने की है, ताकि गोसदन एक आदर्श प्रदेश के साथ–साथ देश के समक्ष भी प्रस्तुत करे। उन्होंने गोसदन के गोबर उत्पादों के अतिरिक्त गोमूत्र आदि का विपणन भी रणनीति बनाकर किया जाए। उन्होंने इसमें महिला समूहों को भी जोड़ने के लिए कहा ताकि उनको भी आय का अतिरिक्त साधन मिल सके। उन्होंने महिला समूहों से भी आगे आने का अनुरोध किया।
बैठक से पूर्व जिलाधिकारी ने पूरे गोसदन परिसर का निरीक्षण किया और पशु शेड, वर्मी कंपोस्ट पिट, गोबर गैस प्लांट सहित हरे चारे आदि की व्यवस्था को देखा। उन्होंने गोसदन में पशुओं की स्थिति की जानकारी ली। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि गोसदन परिसर में कुल 537 पशु संरक्षित हैं। इन पशुओं के गोसदन में वर्तमान में लगभग 399 कुंतल भूसा और दान के माध्यम से 230 कुंतल पराली उपलब्ध है। साथ ही 05.50 कुंतल चोकर भी दान के माध्यम से प्राप्त हुआ है। इसके अलावा पशुओं के लिए 01 एक्स में नेपियर घास, 03 एकड़ में जई .05 एकड़ में बरसीन की बुआई की गई है। पशुओं को अन्य पौष्टिक आहार भी दिया जाता है। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से वर्गीकृत कृत्रिम गर्भाधान योजना के प्रगति की जानकारी ली। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि योजना के तहत चिन्हित में दो गायों ने बछड़ा बछिया को जन्म दिया है, जबकि 08 अन्य गर्भवती हैं । उन्होंने इस परियोजना के तहत चिन्हित गोवशों की टैगिंग करते हुए उनके विस्तृत अभिलेखीकरण का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी गोवंश का सुधार मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना है। इसकी प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करें।
इस संदर्भ में चयनित पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार हेतु उन्हे हरा चारा सहित अन्य पोषक तत्व देने का निर्देश दिया। जाड़े के दृष्टिगत काऊ–कोट भी पर्याप्त संख्या में सुनिश्चित करने हेतु बीडीओ निचलौल को निर्देशित किया।
गोसदन को आत्मनिर्भर बनाने हेतु संचालित गोबर गैस प्लांट और वर्मी कंपोस्ट उत्पादन के विषय में बीडीओ निचलौल से जानकारी ली। गो कास्ट और वर्मीकंपोस्ट का उत्पादन समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है और उनके माध्यम से ही उत्पादित खाद की बिक्री भी की जा रही है। उन्होंने समूह की महिलाओं के अनुरोध पर उनके लिए निर्मित गो कास्ट की पशुओं की सुरक्षा हेतु स्थान चिन्हित कर उसके तारबंदी का निर्देश दिया। साथ ही जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु पूरे परिसर की तारबंदी के लिए भी कहा। पशुओं के पोषण स्तर में सुधार हेतु पर्याप्त मात्रा में हरा चारा उत्पादन और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण हेतु भी निर्देशित किया।
इस दौरान बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनुराज जैन, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ हौसला प्रसाद, उपजिलाधिकारी निचलौल शैलेंद्र गौतम, बीडीओ निचलौल शमा सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहें।

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