July 4, 2025

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शरद पूर्णिमा सिर्फ एक धार्मिक त्योहार ही नहीं अपितु ऋतु परिवर्तन के साथ-साथ आध्यात्मिक उत्सव भी

शरद पूर्णिमा पर बरसेगा अमृत

बलिया (राष्ट्र की परम्परा)
हिंदू धर्म में हर माहआने वाली पूर्णिमा का खास महत्व होता है। इन सभी पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। शरद पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान तथा पूजा पाठ का विशेष महत्व है। इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने का विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा बेहद शुभ और फलदाई होती है । शरद पूर्णिमा सिर्फ एक धार्मिक त्योहार ही नहीं अपितु ऋतु परिवर्तन के साथ-साथ आध्यात्मिक उत्सव भी है। मान्यता यह है कि शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत की वर्षा होती है। शरद पूर्णिमा का चंद्रमा शीतलता प्रदान करता है। इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का विधान है। इस दिन मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करने पर माता लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होता है शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने की परंपरा है मान्यता है कि खीर पर चंद्रमा की किरणें पड़ने से खीर अमृत मय हो जाती है। इसके सेवन से स्वास्थ्य लाभ तो होता ही है साथ ही साथ चंद्र दोष से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है। शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन मां लक्ष्मी उल्लू पर सवार होकर धरती पर आती है और अपने भक्तों पर कृपा दृष्टि बरसाती है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना श्रद्धा और सच्चे मन से करना चाहिए।शरद पूर्णिमा की रात चारों ओर चांदनी छिटकी रहती है इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की निर्धनता नष्ट हो जाती है लक्ष्मी पूजा घर या तिजोरी के पास करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को सुपारी बहुत पसंद है इसलिए सुपारी में लाल धागा बांधकर उसकी अक्षत धूप दीप फूल आदि से पूजन करके उसे तिजोरी में रखें ऐसा करने से कभी धन की कमी नहीं होती है। और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शरद पूर्णिमा जिसे कोजागरी पूर्णिमा व रास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस तिथि पर स्नान दान का बहुत महत्व है। शरद पूर्णिमा का व्रत 16 अक्टूबर दिन बुधवार को किया जाएगा। इस वर्ष शरद पूर्णिमा पर रवि योग का शुभ संयोग है शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा से बरसता है अमृत। खीर को बना देता है कई रोगों का रामबाण इलाज। सिमा त्रिपाठी शिक्षका