

संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। भारत सरकार के क़ृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय के तत्वाधान में जैविक भवन, गोरखपुर द्वारा आईपीएम पर दो दिवसीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम (खरीफ 2024-25) का शुभारंभ सोमवार को किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन उप निदेशक कृषि, डॉ. राकेश कुमार सिंह, जिला क़ृषि रक्षा अधिकारी डॉ. सर्वेश कुमार यादव एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. बृजेश कुमार चौधरी एवं अजय दीप सिंह द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र का आरंभ केंद्र के प्रभारी अधिकारी राजेंद्र कुमार द्वारा आईपीएम को रेखांकित करते हुए मित्र कीट व शत्रु कीट के पहचान एवं उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
इस सन्दर्भ मे वैज्ञानिक कुमारी जयंती ने कीटनाशकों का मनुष्य पर होने वाले दुष्प्रभाव एवं आईपीएम के व्यवहारिक, यांत्रिक विधि के विषय में जानकारी दी।
केंद्र की वैज्ञानिक लेखाश्री ने जैविक विधि एवं ट्राईकोडर्मा के उत्पादन, इसके प्रयोग के विषय में विस्तृत जानकारी दी एवं फसलों में लगने वाले उकठा, जड़, सड़न आदि रोगों एवं उसके प्रबंधन पर व्याख्यान दिया।
केंद्र की वैज्ञानिक सुश्री श्वेता ने रासायनिक विधि पर व्याख्यान दिया एवं कीटनाशकों के सुरक्षित एवं विवेकपूर्ण उपयोग पर प्रकाश डाला।
वैज्ञानिक रत्नेश मिश्रा व जटा शंकर पाण्डेय ने क़ृषि पारास्थितकी तंत्र के विषय में बताया साथ ही साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों व कीटनाशक डीलरों एवं प्रगीतिशील किसान के साथ धान के खेतों में जाकर मित्र एवं शत्रु कीटों की पहचान करवाई।
केंद्र के वैज्ञानिक मोनल कुमार सिंह ने भारत सरकार के एनपीएसएस ऐप के बारे में जानकारी दी।केंद्र के वैज्ञानिक जटा शंकर पाण्डेय व वरिष्ठ तकनिकी अधिकारी पूनम वर्मा ने केंद्र द्वारा उत्पादित विभिन्न जैव करकों के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर केंद्र के जय प्रकाश सिंह, अजय प्रकाश, ओम प्रकाश एवं रमेश आदि उपस्थित रहे।
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