July 8, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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योग का उद्भव सृष्टि के उद्भव के समय ही हुआ है: प्रो. राम दरश राय

गोविवि के गोरक्षनाथ शोधपीठ मे सप्तदिवसीय योग कार्यशाला आयोजित

योग ज्ञान की सबसे बड़ी एवं श्रेष्ठम विद्या है: प्रो. राम दरश राय

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय स्थित महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ द्वारा कुलपति प्रो. पूनम टण्डन के संरक्षण में गुरुवार को सप्तदिवसीय ग्रीष्मकालीन योग कार्यशाला ’योग एवं आजीविका’ विषयक प्रारंभ हुआ। कार्यशाला 15 मई तक चलेगा। कार्यक्रम का शुभारम्भ उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के कृतकार्य आचार्य एव पूर्व अधिष्ठाता छात्र कल्याण, प्रो. राम दरश राय एवं शोधपीठ के उप निदेशक डॉ. कुशलनाथ मिश्र द्वारा गुरु गोरक्षनाथ के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। शोधपीठ के उप निदेशक डॉ. कुशलनाथ मिश्र के द्वारा एक प्रस्ताविकी एवं स्वागत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता हिन्दी विभाग के कृतकार्य आचार्य एव पूर्व अधिष्ठाता छात्र कल्याण, प्रो. राम दरश राय ने योग की उत्पत्ति एवं विकास विषय पर व्याख्यान दिया। प्रो. राय ने योग के उद्भव एवं विकास पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि योग का उद्भव सृष्टि के उद्भव के समय ही हुआ है। योग पर जितना चिंतन किया गया है उतना किसी अन्य विषय पर नहीं हुआ। वर्तमान समय में योग विद्या के महत्त्व पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि योग ज्ञान की सबसे बड़ी एवं श्रेष्ठम विद्या है। योग ऐसा क्षेत्र है, जो प्रत्येक विधा में है तथा प्रत्येक विधा के साथ जुड़ जाता है। अतः योग को प्रत्येक क्षेत्र के साथ जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने योग के तीन मार्गों- विहंगम, पिपीलिका तथा मंडूक मार्ग पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यशाला के दौरान योग प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। योग प्रशिक्षण योग प्रशिक्षक डॉ. विनय कुमार मल्ल के द्वारा दिया गया। योग प्रशिक्षण में लगभग 70 लोगों ने भाग लिया। जिसमें स्नातक, परास्नातक, शोध छात्र आदि विद्यार्थी एवं विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक सहित अन्य लोग सम्मिलित हुए। इस कार्यशाला के साथ ही द्वितीय जनपद स्तरीय योगासन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रहा है।
कार्यशाला में विश्वविद्यालय के ग्रंथालयी डॉ. विभाष कुमार मिश्र, डॉ. आमोद कुमार राय आदि शिक्षकों सहित शोधपीठ के रिसर्च एसोसिएट डॉ. सुनील कुमार तथा शोध अध्येता हर्षवर्धन सिंह, डॉ. कुंवर रणंजय सिंह, प्रिया सिंह उपस्थित रहे। गोरक्षनाथ शोधपीठ की सहायक निदेशक डॉ. सोनल सिंह द्वारा इस कार्यक्रम का संचालन एवं सहायक ग्रन्थालयी डॉ. मनोज कुमार द्विवेदी द्वारा मुख्य वक्ता एवं प्रशिक्षक सहित समस्त श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस कार्यशाला का फेसबुक लाइव प्रसारण किया गया।