
सुखपुरा/बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
अपने बचपन को याद करने मात्र से ही जीवन में खुशी का एहसास होने लगता है। इस दुलर्भ सुख का एहसास बचपन मे साथ साथ पढ़ने वाले एवं सुखपुरा इंटर कालेज सुखपुरा बलिया से 1988 मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा पास कर जीवन में ईश्वर की कृपा से प्राप्त नौकरी शिक्षा और स्वरोजगार में बेहतर प्रदर्शन कर रहे साथियों ने, इस नव बर्ष और 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक पहल किये। व्हाटसप के माध्यम पुनः सभी साथी एक दूसरे से जुड़ने का निरन्तर प्रयास कर रहे हैं। खुशी बाँटने से ही खुशी बढ़ती है। इस बात को चरितार्थ करते हुए, लगभग छ्यालिस मित्रों के गहरी सहयोग से सुखपुरा प्राइमरी पाठशाला नम्बर 1, नम्बर 2 सुखपुरा मिडिल स्कूल, सुखपुरा कम्पोजिट विद्यालय (कन्या पाठशाला) ,हरिपुर, करमपुर, मिढ़ा, बरगइयाँ के बारी के सभी प्राइमरी विद्यायल के बच्चों को फुटबाल, कैरम बोर्ड, चेस बोर्ड और लूडो देकर प्रोत्साहित किया गया। इससे बच्चों में बड़े होकर सेवा और युवाओं का सम्मान करने के लिये प्रेरणा मिलेगी। इसके अलावा 1988 बैच मैट्रिक के बाद और पहले के बैच के जिम्मेदार नागरिक बन्धु भी इसका अनुकरण कर समाजहित में कुछ अलग करने के लिये प्रेरित होंगे। खेल सामग्री पाकर बच्चों में खुशी देखकर अपना बचपन याद आ गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जितेंद्र कुमार सिंह, दीनबंधु सिंह, फिरोज अहमद, दिनेश चंद्र श्रीवास्तव, नासिरुद्दीन अंसारी, जहाँगीर आलम, तरुण लाल, संदेश सिंह, धर्मेंद्र सिंह, उपेंद्र सिंह, रामकुमार सिंह, पुड़ीदेव पांडेय, फूलचंद सिंह, लाल साहब शर्मा ,बृजेश श्रीवास्तव, त्रिलोकी नाथ, सुधीर उपाध्याय, अजय पांडे, हरेराम सिंह, मंगला मिश्रा, सरल राम, सुशील कुमार सिंह, आदि अनेकों साथियों का अतुल्य सहयोग प्राप्त हुआ।इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए हरिपुर के प्रधानाध्यापक संतोष गुप्ता जी एवं उनके सहायक अध्यापकों ने 1988 बैच के इस प्रयास के लिये आभार व्यक्त किये।
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