April 20, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

बाल धूप सफेद!

मैंने बाल धूप में नहीं सफ़ेद किए हैं,
बुजुर्गों के अनुभव अनमोल होते हैं,
यह अनुभव उनकी उम्र के बिताये
हुए बेशक़ीमती वक्त से मिलते हैं।

वक्त की धूप में कोई चीज़ पकी हुई
होती है तो अधिक क़ीमती हो जाती है,
किसमिस की क़ीमत इसीलिये अंगूर
बेल में लगे अंगूरों से ज़्यादा होती है।

रिश्तों में समस्यायें, बात करने
के अन्दाज़ की वजह से आती हैं,
लहजा सुधार कर बातें की जायँ,
बिगड़ी समस्यायें सुलझ जाती हैं।

हमारे शब्द दर्पण के समान होते है
इन्हें उछालकर नहीं चलना चाहिये,
जीवन सरलता से जीने के लिए है,
इसे अदब के साथ ही जीना चाहिए।

जीवन का मक़सद ही सरलता है,
इसे इसी मक़सद से जीना चाहिए,
स्वयं भी यह मक़सद सम्भालना है,
दूसरों को भी संभलवाना चाहिए।

जब किसी प्रकार के अन्धविश्वास
शिक्षा, संस्कार, ज्ञान को प्रभावित
करने लग जायें तब यह मानसिक
रूप से परतंत्रता के लक्षण होते हैं।

अक्सर हम एक दूसरे के जीवन को
जाने अनजाने प्रकाशित भी करते हैं,
वैसे ही दूसरों के जीवन में अंधेरा भी
जाने अनजाने में ही फैलाते रहते हैं।

आदित्य जीवन में अंधकार होता है,
तो निराशा आशा पर हावी होती है,
अंधेरे को चीर कर जीवन में प्रकाश
आता है तो सब जगमग हो जाता है।

•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’