
मऊ(राष्ट्र की परम्परा)
उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश रामेश्वर के दिशा निर्देश एवं अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अभिनय कुमार मिश्रा के कुशल नेतृत्व में उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल अपील सं0 2482/2014 Aureliano Fernandes Vs. State of Goa and Ors. में पारित आदेश के अनुक्रम में, POSH अधिनियम के सम्बंध में जागरूकता कार्यक्रम/कार्यशाला का आयोजन आज 07.02.2024 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,मऊ में किया गया। उक्त कार्यक्रम में प्रशिक्षकों द्वारा उपस्थित कर्मचारीगण पराविधिक स्वयं सेवकों को बताया गया कि, जैसा कि इस अधिनियम का नाम ही इसके उद्देश्य रोकथाम, निषेध और निवारण को स्पष्ट करता है और उल्लघन के मामलें में पीड़ित को निवारण प्रदान करने के लिए भी ये कार्य करता है। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानूनों और दिशानिर्देशों, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के विभिन्न शारीरिक, मौखिक, और गैर- मौखिक रूपों, विभिन्न समितियों और उनकी भूमिकाओं, शिकायतों की जांच और जांच रिपोर्ट पर प्रकाश डाला गया तथा बताया गया कि जिस महिला के साथ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न हुआ है, वह इस स्तर पर गठित समिति के समक्ष उपस्थित होकर लिखित रूप से शिकायत कर सकती है। यदि पीड़ित शिकायत दर्ज करने की मानसिक स्थिति में नही है, तो उसके रिश्तेदार या मित्र, उसके संरक्षक या ऐसा कोई भी व्यक्ति जो उसकी देखभाल कर रहे वह भी शिकायत कर सकते हैं। कार्यस्थल पर महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न को रोकने और रोकने के लिए अपनाये जा सकने वाले विभिन्न तरीकों का सुझाव देकर प्रतिभागियों को सशक्त बनाया गया।
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