March 15, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

उम्मीद

चाँद सितारों की बात हो न हो,
फूल बहारों की बात हो न हो,
रोशनी उम्मीद की जलती रहे,
रात में सपने व नींद आती रहे।

सादर धन्यवाद है आभार सहित,
इतनी प्रशंसा का पात्र तो मैं नहीं,
हकीम लुकमान या ऋषि चरक के
समतुल्य क्या उनका पासंग भी नहीं।

मेरी रचनायें, मेरी कवितायें आपको
औषधि समान ही अच्छी लगती हैं,
आपका कृतज्ञ हूँ, नत मस्तक भी हूँ,
आपकी बातें प्रोत्साहन भी देती हैं।

शायद आप की तरह यहाँ दूसरों को
नहीं गँवारा लगता है इन्हें देखना भी,
इसलिये बन्द कर दिया मैने रचनायें
उन सम्मानित भाइयों को भेजना भी।

व्यवहार हमेशा ज्ञान से बड़ा होता है,
जीवन में परिस्थितियाँ ऐसी आती हैं,
आदित्य जब ज्ञान विफल हो जाता है,
पर व्यवहार सब कुछ संभाल लेता है।

•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’