देख पाएंगे पूरे देश के लोग
पटना(राष्ट्र की परम्परा)
एक तरफ जहां बिहार के नियोजित शिक्षकों की योग्यता और उनकी शिक्षण शैली पर बराबर प्रश्न चिह्न उठते रहते हैं। वही कुछ नियोजित शिक्षक ऐसे भी हैं जिनकी कार्यशैली एवं शिक्षण शैली राज्य ही नही, राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बना रहता है। इनके उत्कृष्ठ प्रदर्शन से जिला ही नहीं राज्य को भी गौरवान्वित होने का अवसर प्राप्त होते रहता है। ऐसे ही एक नियोजित शिक्षक केशव कुमार हैं जो मुजफ्फरपुर जिले के मुरौल प्रखंड स्थित राजकीय बुनियादी विद्यालय बखरी में 2014 से पदस्थापित हैं। ऐसे तो ये नियोजित वर्ग 1 से 5 बेसिक ग्रेड में हैं लेकिन अपनी कार्य कुशलता से हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। ये कभी प्रखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनर, कभी जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर, तो कभी राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर की भूमिका का निर्वहन करते रहते हैं। ऐसे में ये वर्तमान में आईसीटी के जानकार शिक्षक होने के नाते जिला स्तरीय टेक्निकल टीम के सदस्य भी हैं, जो जिले के शिक्षकों को दीक्षा एप पर डायट एवं एससीईआरटी द्वारा संचालित ऑनलाइन कोर्स के क्रियान्वयन में उत्पन्न होने वाली तकनीकी समस्याओं का त्वरित समाधान करते रहते हैं।
शिक्षक केशव कुमार को विगत वर्ष टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज मुंबई के द्वारा यूनिसेफ बिहार एवं बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना के संयुक्त तत्वाधान में, संचालित ऑनलाइन कोर्स कंस्ट्रक्टिव टीचिंग एंड लर्निंग विद टेक्नोलॉजी (सीटीएलटी) के सफल क्रियान्वयन हेतु पूरे राज्य का मेंटर बनाया गया। इतना ही नहीं इस सीटीएलटी कोर्स की सफलता के बाद इन्हें मास्टर ट्रेनर 2022 का बैज भी प्रदान किया गया।
तकनीकी के जानकर शिक्षक होने के नाते अक्टूबर महीने में शिक्षक केशव कुमार को एससीईआरटी पटना के द्वारा सीआईईटी-एनसीईआरटी नई दिल्ली में 18 से 20 अक्टूबर तक आयोजित पीएम ई विद्या डीटीएच चैनल के लिए, सामग्री निर्माण से संबधित कार्यशाला में शामिल होने के लिए भेजा गया था। जिसके बाद इन्होंने अक्टूबर में ही एससीईआरटी पटना स्थित स्टूडियों में पीएम ई विद्या डीटीएच चैनल के लिए वर्ग 3 से 5 के बच्चों के पर्यावरण और हम पाठ्यपुस्तक से सम्बन्धित 10 से अधिक पाठ का वीडियो निर्माण किया। जिसे पीएम ई विद्या डीटीएच चैनल नंबर 63 और 64 पर प्रतिदिन प्रसारित किया जा रहा है। शिक्षक केशव कुमार जिले के ऐसे पहले नियोजित शिक्षक हैं जिनकी शिक्षण शैली अब बिहार ही नहीं पूरे भारत के लोग देख पा रहे हैं।
इस उपलब्धि के लिए शिक्षक केशव कुमार ने कहा कि यह वास्तव में मेरे लिए गर्व की बात है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय अपनी माता रेणु देवी एवं पिता मारूत नंदन त्रिवेदी सहित सभी गुरुजनों के आशीर्वाद एवं बिहार की सबसे बड़ी प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार को दिया।
शिक्षक केशव कुमार ने कहा कि उन्हें नियोजित शिक्षक कहलाने पर कभी शर्मिंदगी महसूस नहीं हुई। उन्होंने इसकी कभी परवाह नही की कि वे नियोजित है या नियमित, उन्होंने हमेशा अपने विद्यालय के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का प्रयास किया। उत्कृष्ठ कार्यशैली की वजह से ही इन्होंने अपने दस वर्ष की सेवावधि में अपने विद्यालय की पहचान प्रखंड, जिला, राज्य एवं देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्थापित की है। आज इनका विद्यालय विश्व के उत्कृष्ट 1 हजार विद्यालयों की सूची में शामिल है। इसी वर्ष इनके विद्यालय को स्कूल 2030 कार्यक्रम के अंतर्गत पुर्तगाल में आयोजित ग्लोबल फोरम में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। वास्तव में इनकी कार्यशैली नियोजित शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक है।
शिक्षक केशव कुमार के इस बड़ी उपलब्धि पर बिहार की सबसे बड़ी प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी टीचर्स ऑफ बिहार के प्रदेश प्रवक्ता रंजेश कुमार एवं प्रदेश मीडिया संयोजक मृत्युंजय ठाकुर ने संयुक्त रूप से बताया कि केशव कुमार प्रतिभा के काफी धनी व्यक्ति हैं और शिक्षा के क्षेत्र मे लगातार अपना शत प्रतिशत देने के लिए तैयार रहते हैं।
रंजेश कुमार एवं मृत्युंजय ठाकुर ने संयुक्त रूप से बधाई देते हुए इनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
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