बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । कृषि विज्ञान केन्द्र पर केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ के एम सिंह के दिशा निर्देशन में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम विषय सब्जी नर्सरी उत्पादन तकनीकी का समापन हुआ। डॉ के एम सिंह ने बताया कि सब्ज़ियों के नर्सरी उत्पादन के लिए नई तकनीकी विकसित हो गई है, जिसमे पॉलीटनल, प्रोट्रे, पॉलीहाउस और ग्रीन हाउस के माध्यम उत्तम गुणवत्ता युक्त पौध तैयार होती है। प्रतिभागी अपने प्रक्षेत्रों पर सब्जियों की नर्सरी उगाकर उसे बाजार में बेच कर अपने आय में वृद्धि कर सकते है। डॉ पी के सिंह वैज्ञानिक उद्यान ने बताया कि सब्ज़ियों में मिर्ची, टमाटर, बैंगन की संकर किस्मों का बीज महंगा होने से रोगरहित, मजबूत पौध उगाने के लिए संरक्षित वातावरण में सीडलिंग के लिए प्रोट्रे का उपयोग किया जाता है इनमें बीज बोने के लिए 97-200 तक खाने हो सकते हैं।
सीडलिंग प्रोस्ट्रेट के प्रत्येक खाने का आकार एक से डेढ़ इंच तक होता है, प्रशिक्षण समन्यक डॉ अरुण कुमार राजभर ने बताया कि पाली टनल तकनीकी सब्जी की पौध उगाने की सस्ती, कारगर एवं व्यावहारिक तकनीक है,इस तकनीक से पौध उगाने पर बीज जमाव समुचित ढंग से होता है।
डॉ नीरज ने बताया कि प्रोटेक्टिव विधि से उगाने पर विपरीत मौसम में अधिक वर्षा,गर्मी, एवं ठंड के समय भी सब्जी पौध सफलतापूर्वक तैयार की जा सकती है।
बीज वैज्ञानिक सुनील कुमार ने बताया कि बीज को बीज शोधन के बाद बुआई करें,जैविक खेती के लिए पौध सुरक्षात्मक दवाओ जैसे ट्राईकोडर्मा, नीम की खली तथा सामान्य नर्सरी पौध के लिए कैप्टान, थिरम, एमिडाक्लोप्रिड इत्यादि प्रयोग किया जा सकता है। प्रशिक्षण में कुल 20 किसानो ने भाग लिया जिसमे महेश, अजय, गुड्डू, मानसिंह, रुद्रसेन, अंकुल, विजय, अनुराग, राजेश, विनोद, अजीत, बलिराम, अदित, ध्रुवराज, अवधराम, जगतराम, श्यामू, गोपाल, पंकज और राजू वर्मा रहे। केन्द्र के अनिल पांडेय, राजीव कुमार, संजय पाण्डेय और चंद्रप्रकाश का प्रशिक्षण में किया।
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