July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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जनपद की पुरानी कचहरी के पुराने भवन का इतिहास- रामविलास प्रजापति

देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद की पुरानी कचहरी का वह पुराना भवन जो यहां के तत्कालीन मजिस्ट्रेट ठाकुर उमराव सिंह का कार्यालय भी हुआ करता था । इसी भवन के ऊपर लगे यूनियन जैक को 14 अगस्त 1942 को विद्यार्थी रामचंद्र प्रजापति ने हजारों की भीड मे ऊतारकर फेंक दिया तथा भारत का तिरंगा झण्डा फहरा दिया था ।उसी समय ठाकुर उमराव सिंह ने अपने भारतीय सैनिको को गोली चलाने का आदेश दे दिया और पल भर मे गोलियों की तडतडाहट हुयी और रामचंद्र की शरीर गोलियों से छलनी हो गयी तथा वे छत से जमीन पर गिरकर अन्तिम सांस ले लिये ।
स्वतंत्रता संग्राम मे जितने लोग शहीद हुए है उनमे रामचंद्र सबसे कम उम्र( 13 वर्ष 4 माह) थी ।
गौरतलब है कि रामचंद्र का जन्म देवरिया जनपद के नौतन हथियागढ गांव मे एक कुम्हाॅर / प्रजापति परिवार मे हुआ था,उस समय रामचंद्र बसन्तपुर धूसी स्कूल मे कक्षा 7 मे पढते थे । प्रजापति समाज के नेता और देवरिया निवासी रामविलास प्रजापति ने अपने सहयोगियो के साथ शहीद को सम्मान दिलाने हेतु काफी संघर्ष किया और शहीद को गुमनामी से बाहर निकालने का काम किया ।इनके नाम को अमर बनाने हेतु सरकार से तमाम मांगे की गयीं और जिलाधिकारी तथा प्रदेश के मुख्य मंत्री से मिलकर मांगो से सम्बन्धित ज्ञापन देकर शहीद के इतिहास से उन्हे अवगत कराया गया।
प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने इसका संज्ञान लिया और कचहरी के उस पुराने शहीद भवन को शहीद रामचंद्र विद्यार्थी स्मृति संस्थान घोषित कर उस भवन का जीर्णोद्धार कराया है । यहां एक भव्य स्मृति द्वार बनाया गया है । पूरे परिसर को लम्बी और ऊंची दीवारों से आबद्ध किया गया है । परिसर मे शहीद की आदमकद मूर्ति स्थापित की गयी है । जनपद के जिलाधिकारी से राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं प्रजापति रत्न से सम्मानित रामविलास प्रजापति के साथ उनके सहयोगी और महासंघ के जिलाध्यक्ष मुरारी प्रसाद शहीद के छोटे भाई रामबडाई, पूर्व जिलाध्यक्ष पृथ्वीनाथ प्रजापति, जयनाथ प्रजापति, मुन्ना प्रजापति और एडवोकेट हरिओम प्रसाद ,खुशिहाल प्रसाद ने मिलकर जानकारी चाही तो उन्होंने कहा की अतिशीघ्र शहीद की मूर्ति का अनावरण होगा ।
हम सभी शहीद के जज्बे का सलाम करते है । शहीद की जयन्ती एक अप्रैल और शहीद दिवस 14 अगस्त को प्रतिवर्ष मुख्यालय पर भव्य कार्यक्रम आयोजित कर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है । यह स्थल अब दर्शनीय स्थल के रूप मे विकसित हुआ है ।हम प्रजापति समाज के लोगों अपील करते है की एकबार इस पवित्र भूमि का जरूर दर्शन करे और यहा की मिट्टी को ललाट पर लगाकर गौरवान्वित हों ।