
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, बहराइच प्रथम के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ के एम सिंह के दिशा निर्देश में चार दिवसीय कार्यकारणी प्रशिक्षण विषय वर्षभर मशरूम कम्पोस्ट उत्पादन एवं उसका वइपणन को चलाया जा रहा है।
केन्द्र के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ पी के सिंह ने बताया कि मशरूम उत्पादन के लिए कम्पोस्ट बनाने हेतु भूसा, गेहूं का चआपड़ यूरिया एवं जइप्सम को एक साथ मिलाकर व सड़ाकर तैयार किया जाता है। इस मिश्रण को कई तरह की सूक्ष्मजीव रासायनिक क्रिया द्वारा कार्बनिक पदार्थों का विघटन कर कम्पोस्ट में परिवर्तित कर देते हैं। यह एक जैविक विधि है।
इस अवसर पर केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक वैज्ञानिक डॉ पी के सिंह ने बताया कि मशरूम एक आधुनिक फसल है इससे कम जगह में अधिक पैसा कमाया जा सकता है। डॉ नंदन सिंह ने बताया कि मशरूम उत्पादन करने के बाद बची कंपोस्ट को प्राकृतिक खेती जैविक खेती में पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए प्रयोग करते हैं।
डॉ अरुण राजभर ने बताया कि छोटे कृषक समूह के रूप में यदि मशरूम की खेती करें तो उनको एक बहुत बड़े बाजार में अच्छा स्थान मिलेगा एवं आय में वृद्धि होगी। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. नीरज सिंह, सुनील कुमार के साथ-साथ कार्मिक भी उपस्थित रहे।
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