आजमगढ़ ( राष्ट्र की परम्परा )
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) एवं द अवेकनिंग सोसायटी फाॅर सोशल एण्ड कल्चरल डेवलपमेंट के तत्वाधान में स्वंय सहायता समूह की महिलाओं के आजीविका सम्वर्धन हेतु, औषधीय पौधों के उत्पादन एवं प्रसंस्करण पर 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन विकास खण्ड सठियाॅव के ग्राम पंचायत चकिया में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन नाबार्ड के मुख्य महाप्रबन्धक लखनऊ जोन एस के डोरा द्वारा किया गया। मुख्य महाप्रबन्धक द्वारा उपस्थित महिलाओं को बताया गया कि औषधीय पौधों की खेती से विभीन्न उत्पाद तैयार कर उनकी बिक्री से अपनी आजीविका में वृद्वि कर सकती है, जिसके लिए हर सम्भव मदद नाबार्ड के माध्यम से की जायेगी। सहजन के पावडर, आचार, जर्मन केमोमाईल के टी बैग, अश्वगंधा, लेमन ग्रास की उपयोगिता एवं उनसे तैयार उत्पादो की बिक्री से अपनी आय में वृद्वि कर सकती है। डीडीएम नाबार्ड आरिफ खान द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के दौरान एवं उसके उपरांत प्राप्त होने वाले लाभों के बारें में विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। सठियाॅव किसान संगठन से राजेश यादव द्वारा औषधीय पौधों की खेती के तरीके एवं विपणन पर चर्चा की गयी।
इस अवसर पर डीडीएम नाबार्ड आरिफ खान, द अवेकनिंग सोसायटी से डाॅ महीप पाण्डेय, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से ब्लाक मिशन प्रबन्धक आशुतोष पाण्डेय, रामकृष्ण पाण्डेय, रामफूल यादव, सठियाॅव किसान संगठन से राजेश यादव, ट्रेनर अखिलेश मौर्या, ग्राम प्रधान चकिया गुडडू एवं स्वंय सहायता समूह की महिलायें उपस्थित रही।
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