July 8, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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खरीफ फसलों में कीट रोग प्रबन्धन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र नानपारा पर पौंधा संरक्षण अनुभाग अन्तर्गत खरीफ फसलों में कीट रोग प्रबन्धन विषय पर दो दिवासीय सेवाकालीन प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. शशिकांत यादव के निर्देशन में हुआ जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रिया नंदा रहीं, उन्होंने प्रसार कार्यकर्ताओं से कृषकों के मध्य एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन के बारे में जागरूकता लाने का आग्रह किया।
मित्र कीट सुरक्षित रहें साथ ही वातावरण एवं भोजन विसर्जित रह सके। केंद्र की पौधा संरक्षण वैज्ञानिक डॉ हर्षिता ने प्रशिक्षणार्थियों को धान में इस समय एवं बढ़ावा देना अवस्था में दिखने वाले मुख्य रोग जैसे भूरा धब्बा, झोंका एवं झुलसा रोग और कीट जैसे पत्ती लपेटक, तनाबेधक , फुदका आदि की प्रोजेक्टर द्वारा पहचान कराई साथ-साथ नियंत्रण के उपाय बताए।
उन्होंने अरहर, मूंग एवं उड़द में उकठा तथा तिल में जड़ तथा कॉलर सड़न की समस्या से बचाव हेतु ट्राइकोडर्मा को अत्यंत लाभकारी बताया साथ ही अरहर में फली बेधक के नियंत्रण हेतु फेरोमोन ट्रैप एवं कद्दू वर्गीय सब्जियों में फल मक्खी नियंत्रण हेतु मिथाईल इयूजिनॉल ट्रैप को प्रयोग करने का प्रशिक्षण भी दिया। शस्य वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र सिंह ने खरीफ फसलों में खरपतवार नियंत्रण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। गृह वैज्ञानिक रेनू आर्य ने प्रसार कार्यकर्ताओं से मोटे अनाज की विशेषताओं के बारे में चर्चा की।
पादप प्रजनन वैज्ञानिक डॉ. अरुण कुमार ने धान की उन्नत रोग प्रतिरोधक किस्म एवं उनकी विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। डॉ सूर्य बली सिंह ने रोग लक्षण दिखाई देते ही नाइट्रोजन की शेष टॉप ड्रेसिंग को रुकवा देने की सलाह दी।
कार्यक्रम में श्रीराम प्रकाश, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप- ए,अमर सिंह, प्रभारी किसान कल्याण केन्द्र नानपारा समेत कुल 30 सेवकालीन प्रशिक्षणर्थियों ने प्रतिभाग किया।