
कुशीनगर(राष्ट्र की परम्परा)
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अंतर्गत पी एम एस एम ए दिवस के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विशुनपुरा का सोमवार को जिलाधिकारी रमेश रंजन द्वारा निरीक्षण व बैठक किया गया।
विदित हो कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अंतर्गत प्रत्येक माह के 01, 09, 16 और 24 को पी एम एस एम ए दिवस मनाया जाता है, जिसमें प्रत्येक गर्भवती महिला की 04 ए एन सी जांच के अतिरिक्त कम से कम 01 जांच एम बी बी एस या विशेषज्ञ चिकित्सक से कराने और आवश्यक जांच कराया जाना है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने मातृत्व एनीमिया प्रबंधन केंद्र, महिला वार्ड, प्रसव कक्ष, लेबर रूम, प्रयोगशाला कक्ष आदि का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी द्वारा इस संदर्भ में एक समीक्षा बैठक भी आयोजित की गयी, जिसमें गर्भवती माताओं में एनीमिया प्रबंधन, गर्भवती माताओं की विभिन्न जांच, आशाओं की स्थिति, सुरक्षित प्रसव आदि की जानकारी ली गयी। जिलाधिकारी ने चिकित्सा प्रभारी से विभिन्न आशाओं का डाटा मांगा, कौन सी आशाएं कार्य कर रही है, इसके बारे में पूछा। प्रसव पूर्व देखभाल के लिए कुल पंजीकृत गर्भवती महिलाओं की प्रतिशतता की रिपोर्ट ली गयी। गर्भवती महिलाओं को क्लोरीन की उपलब्धता, नवजात शिशु हेतु बीसीजी टीका, गर्भवती माताओं के हिमोग्लोबिन, ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट आदि की वास्तविक रिपोर्ट के बारे में जिलाधिकारी ने जाना। जिलाधिकारी ने लैब रजिस्टर भी मंगवा कर देखा। इस क्रम में जिलाधिकारी ने बैठक में महिला चिकित्सक से भी गर्भवती महिलाओं के नियमित जांच के संदर्भ में पूछा।
आशाओं से बातचीत के क्रम में उनके क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की संख्या, उनकी स्थिति आदि जानी गयी। जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान संस्थागत प्रसव, आशाओं की नियमित उपलब्धता व होम विजिट में कमतर प्रदर्शन आदि पर नाराजगी जाहिर की, तथा मुख्य चिकित्साधिकारी व एम ओ आई सी को इस संदर्भ में कड़े निर्देश दिए।इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेश पटारिया, विशुनपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एमओआईसी, आशा व अन्य स्टाफ मौजूद रहे।
More Stories
ताजिया लौटते समय हिंसा: गोलीबारी और मारपीट में चार घायल, एसपी ने की कड़ी कार्रवाई
सराहनीय कार्य: दि आयुष्मान फाउंडेशन ने बच्चों को वितरित किए स्कूली बैग
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की, नहीं माना परिसर को ‘विवादित संरचना’