
सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
विकास खंड सलेमपुर क्षेत्र के पड़री बाजार में चल रहे शतचंडी महायज्ञ की शनिवार को पूर्णाहुति हुई। राम कथा सुनाते हुए कथा व्यास प्रियंका द्विवेदी ने कहा कि
माता सीता लंकापति रावण और मंदोदरी की पुत्री थीं,माता सीता ने वेदवती नाम की किसी स्त्री का पुनर्जन्म लिया था। वेदवती श्रीहरि की परमभक्त थी, वह चाहती थी कि श्री हरि उन्हें पति के रूप में मिलें। उसने भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की, एक दिन जब वेदवती तपस्या में लीन थी तब रावण वहां से गुजर रहा था रावण उसकी सुंदरता को देख मोहित हो गया, रावण ने वेदवती को अपने साथ चलने के लिए कहा लेकिन वेदवती ने साफ इंकार कर दिया।
वेदवती का इंकर रावण को क्रोधित कर गया। रावण ने वेदवती के साथ दुर्व्यवहार करना चाहा। लेकिन जैसे ही रावण ने वेदवती को स्पर्श किया वैसे ही वेदवती ने खुद को भष्म कर लिया। उसने रावण को शाप दिया कि वह अगले जन्म में उसकी पुत्री के रूप में जन्म लेगी और उसकी मृत्यु का कारण बनेगी।
कहा कि फिर कुछ समय पश्चात, मंदोदरी ने एक कन्या को जन्म दिया। लेकिन रावण को शाप याद था ऐसे में रावण ने उस कन्या को सागर में फेंक दिया। सागर की देवी वरुणी ने इस कन्या को धरती की देवी पृथ्वी को सौंप दिया। फिर इन्होंने कन्या को राजा जनक और माता सुनैना को सौंप दिया। राजा जनक ने बड़े ही प्यार से माता सीता का लालन-पोषण किया। उनका विवाह श्रीराम से हुआ। वनवास के दौरान माता सीता का अपहरण रावण ने किया। इसके चलते ही श्री राम ने रावण का वध किया। इस तरह से सीता रावण के वध का कारण बनीं। रासलीला में राधा भक्ति का जीवंत प्रस्तुति किया। इस दौरान प्रमुख रूप से राकेश कुमार सिंह, विमल चंद्र पाण्डेय, ओमप्रकाश उपाध्याय, नीरज पांडेय, अखिलेश पांडेय, जीतेन्द्र पांडेय, तारकेश्वर नाथ पांडेय, संजय कुमार पांडेय आदि मौजूद रहे।
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