मईल/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)
आजादी के पूर्व का बना पिपराबांध पूल आवश्यकता के अनुसार चौड़ाई मेंअंग्रेजी जमाने में राम जानकी मार्ग पर जमुआर नाले पर स्थानीय थाने के अंतर्गत बना है इस मार्ग पर चलने वाले वाहनों की रफ्तार हवा से बात करती चलती है। लेकिन जब वाहन पुल के पास आते हैं वाहनों की रफ्तार धीमी हो जाती है और आहिस्ता आहिस्ता किसी तरीके से पुल को पार किया जाता है पुल केk दोनों तरफ लोहे के बार्डरलगाए गए हैं सड़क कीk चौड़ाई का एकचौथाई हिस्सा की चौड़ाई पुल कीहै दोनों तरफ से वाहनों के आगमन पर आगे पीछे के चक्कर में दुर्घटनाओं का घटना माना जाता है अज्ञात वाहन चालकों द्वारा सड़क की पुल कीचौड़ाई के अंतर के कारण पुल के नीचे जाकर अपनी जानगवानी पड़ती है। ऐसी घटनाएं आधे दर्जन से अधिक होने के बाद आनन-फानन में लोक निर्माण विभाग द्वारा बाउंड्री वाल जैसे तैसे बनाकर कामचलाऊ व्यवस्था चल रही है । बरहज से लेकर लार रोड के बीच में बरेजीऔर पिपराबांधका पुल है लेकिन बरेजीका पुल तो बनने के बाद से ही बीच में गड्ढे में तब्दील है लेकिन यह पुल निर्माण ही नहींहुआ और ना ही इसका कायाकल्प हो रहा है समय रहते लोक निर्माण विभाग इस पुलका निर्माण नहीं किया तो कभी भी किसी समय बड़ी से बड़ी दुर्घटना की दावत मिल सकती है पू ल को लेकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि स्वामीनाथ यादव पूर्व विधायक कन्हैया तिवारी पूर्व मंडल ,अध्यक्ष ,उदय भान सिंह, अखिलेश पांडे ,रामप्रवेश यादव, आदि लोगों ने पूल की कायाकल्प किए जाने की मांग की है।
More Stories
घघरा नदी के किनारे बाढ़ क्षेत्र का दौरा करते उप जिला अधिकारी सिकंदरपुर एवं नायब तहसीलदार
करायल उपाध्याय के दिव्यांशु ने बढ़ाया क्षेत्र का मान, उत्तीर्ण की श्रेष्ठा परीक्षा
कार्ययोजना के अनुसार किया जाए कार्य- सीएमओ