February 5, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर उर्वरक की बिक्री करता है तो उसके विरुद्ध होगी विधिक कार्रवाई

देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। अपर मुख्य सचिव (कृषि) उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्देशित किया गया है कि कृषकों को निर्धारित दर पर उनकी जोत के अनुसार संस्तुत मात्रा में गुणवत्तायुक्त उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना एवं जमाखोरी कालाबाजारी निर्धारित दर से अधिक दरों पर बिक्री तथा अन्य उत्पादों की टैगिंग पर अंकुश लगाना शासन शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है जिसके लिए निर्धारित प्रभावी कार्यवाही तथा इसका नियमित अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाए।
यह जानकारी मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने देते हुए निर्देश दिया है कि जनपद में मुख्य फास्फेटिक उर्वरको (डी०ए०पी०/एन०पी०के०) की बिक्री कृषकों को निर्धारित मूल्य पर अनिवार्य रूप से बिक्री करना सुनिश्चित करायी जाय। अगर कोई उर्वरक विक्रेता अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर उर्वरक की बिक्री करता है तो उसके विरुद्ध उर्वरक अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित (नियंत्रण) आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में निहित प्राविधानानुसार कठोर विधिक कार्रवाई की जाए। उर्वरक विक्रेताओं के द्वारा फास्फेटिक एवं यूरिया उर्वरकों के साथ जबरन किसी भी प्रकार के अन्य उत्पादों की टैगिंग कर बिक्री न की जाए। ऐसे उर्वरक विनिर्माता/प्रदायकर्ता संस्थाओं पर भी सर्तक दृष्टि रखी जाय, जिनके द्वारा किसी थोक उर्वरक विक्रेता को प्रमुख उर्वरकों की आपूर्ति दिए जाने हेतु कम प्रचलित उर्वरक / उत्पाद भी क्रय करने हेतु बाध्य किया जाता है तो उनके विरुद्ध भी विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाय।कृषकों को उर्वरकों की बिक्री करते समय उनकी जोत बही / खतौनी देखकर उसमें अंकित कृषित भूमि एवं उगाई जाने वाली फसल की निर्धारित संस्तुतियों के अनुसार पीओएस मशीन यो माध्यम से उर्वरकों की बिक्री सुनिश्चित की जाए।
फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के साथ थोक उर्वरक विक्रेताओं एवं बफर स्टाकिस्टों का सघन निरीक्षण किया जाए तथा सुनिश्चित किया जाए कि कहीं थोक उर्वरक विक्रेता स्थानीय स्तर पर अपने पास उर्वरक का अनावश्यक भण्डारण कर उर्वरकों का कृत्रिम अभाव तो उत्पन्न नही कर रहे है तथा अधिक भण्डारित स्टाक को बाजार में कृषको लिए बिक्री हेतु अविलम्ब अवमुक्त किया जाना सुनिश्चित किया जाए तथा दोषियों के विरुद्ध सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाय। जनपद के निजी क्षेत्र में डी०ए०पी० की निरन्तर पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता रहती है। समस्त ब्रान्ड के डी०ए०पी० में मानक के अनुसार तत्वों की मात्रा समान रहती है। कृषकों को सहकारिता क्षेत्र के साथ साथ निजी क्षेत्र की डी०ए०पी० क्रय करने हेतु जागरूक किया जाय। पोर्टल पर डी०ए०पी० एवं यूरिया उर्वरक के टॉप 20 वायर्स की प्रत्येक माह जाँच में अनियमित वितरण पाये जाने वाले प्रकरणों में दोषी के विरूद्ध नियमानुसार उर्वरक अकार्बनिक,कार्बनिक या मिश्रित (नियंत्रण) आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में निहित प्राविधानानुसार कठोर विधिक कार्यवाही की जाए।
उपरोक्त निर्देशों का उलंघन / अवैध गतिविधियों में संतप्त पाये जाने वाले असमाजिक तत्वों अथवा उर्वरक विक्रेताओं के विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में निहित प्राविधानानुसार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाएगी।