
शिमला(राष्ट्र की परम्परा डेस्क)हिमाचल प्रदेश में लगातार जारी मानसूनी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और मकान ढहने जैसी घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) के अनुसार, 20 जून से अब तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 133 लोगों की मौत हुई है, जबकि सड़क दुर्घटनाओं में 124 लोग जान गंवा चुके हैं। इस प्रकार कुल मृतकों की संख्या 257 हो गई है।
सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति पर भारी असर
शनिवार तक के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, राज्य भर में 374 सड़कें, 524 बिजली ट्रांसफार्मर और 145 पेयजल योजनाएँ ठप हैं। इनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग—NH-305 और NH-05—भी शामिल हैं, जो भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण अवरुद्ध हैं। मंडी, कुल्लू और किन्नौर जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं।
मंडी में हालात सबसे गंभीर
मंडी जिले में 203 सड़कें बंद हैं और 458 ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं। इसके बाद कुल्लू जिले में 79 सड़कें अवरुद्ध हैं, जिनमें झेड़ (खनाग) में बड़े भूस्खलन से बंद NH-305 भी शामिल है। चंबा (24), कांगड़ा (41) और मंडी (44) की कई जलापूर्ति योजनाएँ भी प्रभावित हुई हैं।
किन्नौर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति में बाढ़ का प्रकोप
किन्नौर में NH-05 सहित छह सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। कुल्लू और लाहौल-स्पीति में अचानक आई बाढ़ और हाई टेंशन बिजली लाइनों की खराबी के कारण व्यापक व्यवधान हुआ है।
अब तक के नुकसान का आंकड़ा
बारिश से संबंधित घटनाओं में मौतें: मंडी (26), कांगड़ा (28), चंबा (10), कुल्लू (11) अन्य जिले: बिलासपुर, किन्नौर, शिमला, सिरमौर, सोलन, लाहौल-स्पीति, हमीरपुर और ऊना में भी हताहत प्रमुख आपदाएँ: भूस्खलन, बादल फटना, मकान गिरना, डूबना और बिजली का करंट लगना
प्रशासन की अपील अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में रुक-रुक कर होने वाली बारिश से स्थिति और बिगड़ सकती है। लोगों से अपील की गई है कि वे संवेदनशील इलाकों में यात्रा से बचें।
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