राहुल गांधी का गंभीर आरोप – ‘सावरकर टिप्पणी पर BJP सांसदों ने दी इंदिरा गांधी जैसा अंजाम भुगतने की धमकी’ - राष्ट्र की परम्परा
August 18, 2025

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राहुल गांधी का गंभीर आरोप – ‘सावरकर टिप्पणी पर BJP सांसदों ने दी इंदिरा गांधी जैसा अंजाम भुगतने की धमकी’

पुणे,(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) कांग्रेस सांसद एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पुणे की एक विशेष सांसद/विधायक अदालत में दावा किया है कि कुछ भाजपा सांसदों ने उन्हें धमकी दी है कि 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ की गई टिप्पणी के चलते उनका भी वही हश्र होगा, जो उनकी दादी एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का हुआ था।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने अदालत को सूचित किया कि मौजूदा राजनीतिक माहौल, उनके खिलाफ चल रहे मानहानि के मामलों और शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर के वंश को देखते हुए उन्हें जान का खतरा है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि सुरक्षा और मामले की निष्पक्षता को लेकर उनकी गंभीर आशंकाओं का संज्ञान लिया जाए।

मानहानि का मामला और विवादित भाषण
सत्यकी सावरकर ने मार्च 2023 में लंदन में राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक भाषण को लेकर मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उस भाषण में गांधी ने सावरकर की प्रकाशित रचनाओं में वर्णित एक कथित घटना का ज़िक्र किया था, जिसमें सावरकर और अन्य लोगों द्वारा एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमला करने को “सुखद” बताया गया था।
सत्यकी सावरकर ने इन विवरणों के अस्तित्व से इनकार किया और इन्हें झूठा, भ्रामक एवं मानहानिकारक बताया। उन्होंने आईपीसी की धारा 500 के तहत राहुल गांधी को दोषी ठहराने और सीआरपीसी की धारा 357 के तहत मुआवजे की मांग की है।

भाजपा नेताओं पर आरोप
राहुल गांधी की ओर से पेश वकील मिलिंद पवार ने अदालत को बताया कि भाजपा नेता आरएन बिट्टू ने गांधी को ‘आतंकवादी’ कहा था। वहीं, भाजपा नेता तरविंदर मारवाह ने कथित तौर पर उन्हें चेतावनी दी थी कि “अच्छा व्यवहार करें, वरना उनकी दादी जैसी ही हालत हो सकती है।”
राहुल गांधी के आवेदन में यह भी कहा गया कि शिकायतकर्ता ने स्वयं महात्मा गांधी के हत्यारों के सहयोगियों से अपनी वंशावली का दावा किया है। गांधी ने यह चेतावनी दी कि इतिहास को दोहराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

अगली सुनवाई 10 सितंबर को
विशेष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर 2025 को निर्धारित की है। इस मामले के राजनीतिक और कानूनी दोनों पहलुओं पर देशभर में बारीकी से नजर रखी जा रही है।