
नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणी ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में उबाल ला दिया है। ट्रंप ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की मध्यस्थता करने के लिए व्यापारिक दबाव का इस्तेमाल किया। यह दावा उन्होंने 24वीं बार दोहराया है। इस बयान के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है।
कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि अगर ट्रंप का दावा सच है, तो यह भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय संप्रभुता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी देश को जवाब दें कि क्या अमेरिका द्वारा भारत पर व्यापारिक दबाव डालकर पाकिस्तान से बातचीत करने के लिए मजबूर किया गया?”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह बयान पूरी तरह निराधार है या इसके पीछे कोई सच्चाई है। अगर ट्रंप बार-बार यह दावा कर रहे हैं, तो भारत सरकार ने अब तक इसका कड़ा खंडन क्यों नहीं किया?
भाजपा की ओर से अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले समय में संसद से सड़क तक बहस का केंद्र बन सकता है।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े मुद्दे भारत का आंतरिक मामला हैं और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी।
इस राजनीतिक घमासान ने एक बार फिर भारत-अमेरिका संबंधों और मोदी सरकार की विदेश नीति को लेकर विपक्ष को केंद्र में लाकर खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और क्या जवाब देती है।
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