प्राथमिक विद्यालय में रसैल वाइपर सांप के मिलने से अफरा-तफरी - राष्ट्र की परम्परा
August 18, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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प्राथमिक विद्यालय में रसैल वाइपर सांप के मिलने से अफरा-तफरी

15 दिन पूर्व भी प्रांगण में देखा गया था गेहूंवन सांप

मऊ ( राष्ट्र की परम्परा)l जनपद के मधुबन स्थित प्राथमिक विद्यालय आदमपुर दरगाह के प्रांगण में सोमवार को रसेल वाइपर साँप के मिलने से विद्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सुबह विद्यालय खुलने के कुछ घंटे बाद सफाई कर्मी रामलाल को साँप विद्यालय बाउंड्री वाल के एक कोने में बैठा मिला। पहले तो उन्हें लगा कि शायद यह अजगर साँप है। लेकिन बाद में ध्यान से देखने पर पता चला कि ये रसेल वाइपर है जो एशिया में पाई जाने वाली सबसे ज़हरीली प्रजातियों में से एक है। जिसके बाद विद्यालय में हड़कंप मच गया। यहाँ पढ़ने वाले छात्रों में दहशत फैल गयी।

सूचना पर ग्राम प्रधान सहित कई अन्य लोग मौके पर पहुंचे। मजे की बात यह थी कि इस दौरान साँप एक ही जगह बैठा हुआ था। इधर उधर हिलने की कोशिश नहीं कर रहा था। ग्रामप्रधान द्वारा इसकी सूचना सक्षम अधिकारियों को दी गयी। करीब दो घंटे बाद रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची औऱ साँप को शकुशल रेस्क्यू कर अपने साथ ले गयी।

विद्यालय के एक अध्यापक ने बताया कि सुबह नियमित क्लास चल रहा था। इसी दौरान सफाई कर्मी को साँप नजर आया। जिसके बाद विद्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। बच्चों में दहशत फैल गयी। गनीमत यह रही कि साँप एक ही स्थान पर बैठा हुआ था, कोई मूवमेंट नहीं थी। टीम द्वारा साँप का सफल रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि 15 दिन पूर्व भी यहाँ एक गेहूवन साँप देखा गया था। बरसात के बाद इस प्रकार की घटनायें तेजी से बढ़ी हैं।

साँप को रेस्क्यू करने वाली टीम के एक सदस्य ने बताया कि इसे “दबौया” या “घोणस” भी कहा जाता है। यह दक्षिण एशिया में पाया जाने वाला एक अत्यंत विषैला सांप है औऱ एशिया में पाई जाने वाली सबसे ज़हरीली प्रजातियों में से एक है।इसके काटने पर अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो इसका काटना जानलेवा भी हो सकता है। इसके काटने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेना ज़रूरी है।