
विविध आयोजनों में दिखी जागरूकता की झलक
“जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित” की थीम पर चित्रकला, प्रश्नोत्तरी व गोष्ठियों का आयोजन, छात्रों को किया गया सम्मानित
आगरा (राष्ट्र की परम्परा)। भूगर्भ जल विभाग द्वारा आयोजित भूजल सप्ताह के अंतर्गत सोमवार को जनपद के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में भूजल संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग, संरक्षण एवं जन-जागरूकता को लेकर विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और जल संरक्षण के प्रति गंभीरता से विचार साझा किए। पुलिस मॉडर्न स्कूल, पुलिस लाइन, आगरा में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थियों ने भूजल संरक्षण का संदेश दिया। प्रतियोगिता के समापन पर विद्यार्थियों को प्रशस्ति-पत्र व मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस दौरान हाइड्रोलॉजिस्ट अवधेश कुमार भास्कर ने छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए दैनिक जीवन में भूजल के प्रति संवेदनशील रहने और वर्षा जल संचयन जैसे उपायों को अपनाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने सभी को “जल शपथ” भी दिलाई। विद्यालय की प्रधानाचार्या रचना श्रीवास्तव ने “जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित” विषय पर विचार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। इसके अतिरिक्त, सरस्वती विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, पंचकुइयां, आगरा में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।इस प्रतियोगिता में विवेक अग्रवाल (कक्षा-9) ने प्रथम स्थान, कुमारी दिपंसी (कक्षा-9) ने द्वितीय स्थान,प्रिंस कुमार (कक्षा-9) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
विजेताओं को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर उत्साहवर्धन किया गया। अहमदिया हनीफिया इंटर कॉलेज, ढोली खार, सदर भट्टी में आयोजित गोष्ठी में अवधेश कुमार भास्कर ने भूजल संरक्षण को आज की अनिवार्यता बताते हुए कहा कि वर्तमान पीढ़ी को अपनी आवश्यकताओं के साथ-साथ भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी संसाधनों की रक्षा करनी होगी। उन्होंने दैनिक जीवन में भूजल संचयन के सरल उपाय जैसे – वर्षा जल संग्रहण, टपक सिंचाई, रिसाव रहित नल और जल पुनः उपयोग के तरीकों पर बल दिया। इसी क्रम में, अनबरी नीलोफर गर्ल्स इंटर कॉलेज, ढोली खार, सदर भट्टी में वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें छात्राओं ने “जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। छात्राओं व अध्यापिकाओं की सहभागिता ने आयोजन को सफल बनाया।
हाइड्रोलॉजिस्ट भास्कर ने इस मौके पर छात्राओं को बताया कि भूजल संचयन की छोटी-छोटी विधियों को अपनाकर बड़े स्तर पर जल संरक्षण संभव है।
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