
स्वभाव और विचारों में अंतर हो तो,
भी स्नेह में अंतर नहीं होना चाहिए,
अच्छाई साबित करना जरूरी नहीं है,
पर हमें अच्छा ज़रूर बनना चाहिये।
जीवन में सब कुछ हासिल कर लेना,
लेकिन इतना ध्यान अवश्य रखना,
कि मंजिल पाने के रास्ते में लोगों,
के दिलों को तार तार कर न गुजरना।
अच्छी सोच-विचार, अच्छी भावना,
मन-मस्तिष्क को हल्का कर देते हैं,
उत्साह सा बल नहीं, धैर्य सा मित्र नहीं
संतोष सा धन, अनुभव सा गुरु नहीं।
एक दूसरे पर एहसान जरूर करें,
नफा न दे सकते तो नुकसान न करें,
खुश नहीं कर सकते,दुखी न करें,
तारीफ न करें तो बुराई न करें।
जो धन हमने कमाया है उसे हम,
भोग पायेंगे या नही भोग पायेंगे,
उस धन को कमाने के फेर में जो
कर्म किये है, वह भोगने ही पड़ेंगे।
परमात्मा शब्द नहीं;
जो पुस्तक में मिलेगा
परमात्मा मूर्ति नहीं;
जो मंदिर में मिलेगा
परमात्मा रूप नहीं;
जो समाज में मिलेगा
परमात्मा जीवन है,
अपने भीतर मिलेगा।
असम्भव जैसा कोई कार्य नही,
जिसे किया नही जा सकता,
आदित्य असम्भव वह कार्य है,
जो पहले नहीं किया जा सका।
- डा० कर्नल आदि शंकर मिश्र
‘आदित्य’
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