
राहुल गांधी की यात्रा में कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को खुली वैन में चढ़ने से रोका गया
पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क )कांग्रेस के लिए बुधवार को एक असहज स्थिति तब उत्पन्न हो गई जब पार्टी के दो प्रमुख नेता—कन्हैया कुमार और पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव—को राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ एक खुली प्रचार वैन में चढ़ने से रोक दिया गया। यह घटना बिहार बंद के दौरान घटित हुई, जिसे भारतीय जनता पार्टी द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में बुलाया गया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस तथा सहयोगी दलों के कई वरिष्ठ नेता एक खुले वाहन पर सवार होकर जनसंपर्क अभियान चला रहे थे। जैसे ही कन्हैया कुमार और पप्पू यादव उस वाहन पर चढ़ने लगे, उन्हें सुरक्षा कर्मियों द्वारा रोक दिया गया। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए दोनों नेताओं को वाहन पर सवार नहीं होने दिया गया, जिसके बाद वे बग़ल में खड़े रह गए।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें दोनों नेताओं को असहज स्थिति में दिखाया गया है। राजनीतिक गलियारों में इस घटना ने चर्चा का विषय बना दिया है और इसे कांग्रेस नेतृत्व के भीतर समन्वय की कमी और आंतरिक असंतोष का संकेत माना जा रहा है।
हालांकि, पार्टी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्षी दलों ने इस घटना को कांग्रेस की “भीतरघात और भ्रम की राजनीति” का उदाहरण बताया है। भाजपा नेताओं ने इसे राहुल गांधी की “टीम चयन में पक्षपात” और “स्थानीय नेताओं की उपेक्षा” करार दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार जैसे संवेदनशील राज्य में, जहां क्षेत्रीय नेताओं की पकड़ और पहचान महत्वपूर्ण होती है, इस तरह की घटनाएं महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर सकती हैं। विशेष रूप से पप्पू यादव जैसे जमीनी नेता और कन्हैया कुमार जैसे युवा चेहरों की उपेक्षा से पार्टी की सामाजिक और राजनीतिक रणनीति पर असर पड़ सकता है।
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दीपक