
नई दिल्ली (“राष्ट्र की परम्परा” डेस्क से विशेष रिपोर्ट) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई से 9 जुलाई 2025 तक की अपनी ऐतिहासिक विदेश यात्रा पर निकले, जो भारत के लिए वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊंचाई देने वाला क्षण साबित हुआ। इस यात्रा के दौरान उन्होंने पांच देशों – घाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया – का दौरा किया। इस अभूतपूर्व दौरे से भारत की विदेश नीति में एक नया मोड़ आया है।
घाना में ऐतिहासिक स्वागत: तीन दशक बाद भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी का पहला पड़ाव अफ्रीकी देश घाना था। यह यात्रा ऐतिहासिक रही क्योंकि तीन दशक से अधिक समय बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने घाना की धरती पर कदम रखा।
घाना की राजधानी अक्रा में मोदी का भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति नाना अकुफो-एड्डो के साथ उनकी मुलाकात के दौरान स्वास्थ्य, डिजिटल सहयोग, कृषि और शिक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए।
प्रधानमंत्री ने अफ्रीका में भारत की भूमिका को “साझेदारी, सहयोग और समावेशिता” पर आधारित बताया। घाना में भारतीय मूल के लोगों के साथ संवाद करते हुए उन्होंने कहा,
“भारत और अफ्रीका की साझेदारी वैश्विक न्याय, समानता और विकास की मजबूत नींव है।”
त्रिनिदाद एवं टोबैगो में गर्मजोशी भरा स्वागत: द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा
घाना के बाद प्रधानमंत्री मोदी त्रिनिदाद एवं टोबैगो पहुंचे। यह देश भारतीय प्रवासियों की समृद्ध विरासत का प्रतीक है। प्रधानमंत्री का स्वागत प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर ने किया। यह मुलाकात विशेष रही क्योंकि त्रिनिदाद की प्रधानमंत्री स्वयं भारतीय मूल की हैं। दोनों नेताओं के बीच गहन बातचीत हुई और कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने हेतु समझौते संपन्न हुए।
मुख्य समझौते:
ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग
शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में साझेदारी
डिजिटल इंडिया मिशन से प्रेरित डिजिटल परिवर्तन कार्यक्रमों में सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा:
“त्रिनिदाद एवं टोबैगो में बसे भारतीयों ने संस्कृति, समर्पण और सहिष्णुता की मिसाल पेश की है। हम उन्हें भारत से जोड़ने के लिए और मजबूत सेतु बनाएंगे।”
उन्होंने भारतीय मूल के प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को दोहराया।
आगामी कार्यक्रम: अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया
त्रिनिदाद के बाद प्रधानमंत्री अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा करेंगे।
इन यात्राओं में जलवायु परिवर्तन, कृषि तकनीक, ब्रिक्स सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक दक्षिण के मुद्दों पर रणनीतिक वार्ताएं शामिल हैं।
विशेष महत्व: भारतीय कूटनीति का वैश्विक विस्तार
यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत G20, ब्रिक्स और वैश्विक दक्षिण की भूमिका में एक उभरती शक्ति बन चुका है। प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल भारत को वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।
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