
आर.आर.सी. केन्द्र क्रियाशील न पाये जाने पर जतायी नाराज़गी
केन्द्र को क्रियाशील कर समूह की महिला को जोड़ने के दिये निर्देश
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने विकास खण्ड पयागपुर अन्तर्गत ग्राम पंचायत सोहरियांवा के आगनबाड़ी केन्द्र (इन्द्रापुर), गौआश्रय स्थल सोहरियांवा प्रथम एवं द्वितीय तथा एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन केन्द्र (आर.आर.सी.) का निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं को जायज़ा लेते हुए मौके पर मौजूद अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। निरीक्षण के समय खण्ड विकास अधिकारी पयागपुर दिपेन्द्र पाण्डेय, खण्ड शिक्षा अधिकारी सुश्री डाली मिश्रा, अवर अभि. ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग संदीप तिवारी, एडीओ पंचायत तेज नरायन राव व सहकारिता के दिलीप कुमार दुबे, ग्राम प्रधान पेशकार गोस्वामी व ग्राम विकास अधिकारी अमृतांशु सिंह मौजूद रहे। निरीक्षण के समय आंगनबाड़ी केन्द्र बन्द हो चुका था। पंचायत सचिव द्वारा फोन करके आंगनबाड़ी कार्यकत्री को बुलाया गया। डीएम ने केन्द्र के निरीक्षण में पाया कि बाला पेन्टिंग मानक के अनुरूप न पाये जाने पर डीएम ने निर्देश दिया कि पेंटिन्ग को दुरूस्त कराया जाय। आंगनबाड़ी कार्यकत्री से पुष्टाहार वितरण एवं फेस एथेन्टिकेशन एवं केवाईसी की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देशित किया गया कि तत्काल शत-प्रतिशत लाभार्थियों के एथेन्टिकेशन का कार्य पूर्ण कराया जाय।
डीएम ने गौआश्रय स्थल सोहरियावां प्रथम एवं द्वितीय का निरीक्षण कर यहां पर संरक्षित गोवंशों के लिए भूसा, चारा, चूनी-चोकर, पेयजल एवं हरे चारे इत्यादि की उपलब्धता का जायज़ा लिया। निरीक्षण के समय बताया गया कि गौआश्रय स्थल प्रथम में 114 मादा गौवंश तथा द्वितीय में 109 नर गौवंश संरक्षित हैं। नर गौवंश की टैगिंग न पाये जाने पर निर्देश दिया कि सभी संरक्षित पशुओं की टैगिंग की जाय। प्रथम गौआश्रय स्थल विद्युत कनेक्शन, चाराकटिंग मशीन, सीसीटीवी व समर्सेबुल बोरिंग से आच्छादित है। यहां पर हरे चारे के लिए 10 बीघा में नैपियर घास भी उगायी जा रही है। डीएम ने शासन की मंशानुसार संरक्षित गौवंशों के चारे-पानी एवं उपचार का प्रबन्ध सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा कि आश्रय स्थलों पर सोलर पैनल की भी स्थापना करायी जाय ताकि विद्युत के न रहने पर कोई दिक्कत न हो। गोआश्रय स्थल के गोबर के उपयोग के सम्बन्ध में ग्राम प्रधान ने बताया कि नैपियर फसल में इसका उपयोग किया जा रहा है। गौआश्रय स्थल के निकट स्थापित एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन केन्द्र (आर.आर.सी.) का निरीक्षण करने पर बाहरी दीवार टूटी होने तथा केन्द्र को क्रियाशील न पाये जाने पर डीएम ने नाराज़गी जताते हुए बीडीओ को जांच करने का निर्देश दिया। डीएम ने केन्द्र को तत्काल क्रियाशील करने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे महिला स्वयं सहायता समूह को जोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि गांव से निकलने वाले कूड़े को यहां पर एकत्र करें। उन्होंने गौआश्रय स्थल में उत्पादित होने वाले गोबर को केन्द्र में लाकर जैविक खाद के साथ-साथ गोबर आधारित उत्पाद तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इससे महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को स्वावलम्बी बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिलाया जाय।
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