
बरहज/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। पूर्व शिक्षक उमाशंकर लाल श्रीवास्तव के निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर, श्रद्धांजलियों का तांता क्षेत्र के ग्राम पिपरा कोट निवासी एवं पूर्व माध्यमिक शिक्षक उमाशंकर लाल श्रीवास्तव के निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। बुधवार की सुबह लगभग 8:30 बजे उन्होंने गोरखपुर एम्स में अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ समय से गंभीर रूप से अस्वस्थ चल रहे थे और गोरखपुर एम्स में उनका इलाज चल रहा था।
स्वर्गीय उमाशंकर लाल श्रीवास्तव एक समर्पित शिक्षक और कुशल संगठक रहे। उन्होंने देवरिया जनपद के प्रतिष्ठित सेवा समिति बनवारी लाल इंटर कॉलेज में शिक्षक पद पर रहते हुए लंबे समय तक शिक्षण कार्य किया। अपने सादे जीवन और प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण वे शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों में समान रूप से लोकप्रिय थे। वे उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री भी रह चुके थे और शिक्षकों के अधिकारों की लड़ाई में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाते रहे।
उनके निधन की सूचना मिलते ही जनपद के शिक्षक समुदाय एवं शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। कई शिक्षक साथी और सामाजिक कार्यकर्ता उनके निवास स्थान पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
शोक संवेदना व्यक्त करते हुए शिक्षक नेता हरेराम यादव ने कहा, “उमाशंकर जी जैसे शिक्षकों की भरपाई संभव नहीं है। वे ता उम्र शिक्षकों की आवाज बने रहे।”
राजेश पाण्डेय ने कहा, “उनका योगदान शिक्षा क्षेत्र में अविस्मरणीय रहेगा।”
राजेश गुप्ता, उमेश चंद्र, उपेंद्र मिश्रा, राजेश सिंह, बाबू राम, आशुतोष शुक्ला, रमेश तिवारी, अंगद सरोज सहित अनेक शिक्षकों एवं शुभचिंतकों ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति और परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की।श्री श्रीवास्तव के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग उनके पैतृक आवास पहुंचे।
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