
उतरौला ,बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)
आगामी मोहर्रम पर्व को लेकर शिया और सुन्नी समुदाय के प्रतिनिधि एवं सामाजिक संगठन उतरौला विकास मंच ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में नगर पालिका परिषद उतरौला की कई अहम समस्याओं को रेखांकित करते हुए मोहर्रम पर्व के लिए बेहतर व्यवस्था करने की मांग की गई है।
ज्ञापन में सबसे पहले शहर के मुख्य मार्ग से कर्बला भवन तक जाने वाले रास्तों की स्थिति पर चिंता जताई गई है। बताया गया है कि मेन रोड से कर्बला तक जाने वाला इंटरलॉकिंग रास्ता बहुत संकरा है, जिसे चौड़ा किया जाना आवश्यक है ताकि मोहर्रम के जुलूस में शामिल हजारों श्रद्धालु आसानी से कर्बला भवन (रौजा) तक पहुंच सकें।रास्ते के बीच फंसे हुए इलेक्ट्रिक पोलों को किनारे किया जाए, जिससे आवागमन में कोई बाधा न आए।
कर्बला भवन के मुख्य द्वार से ताजिया दफनाने की जगह तक रेसिंग लगाकर सुरक्षा और सौंदर्य दोनों बनाए जाएं।
कर्बला भवन के सामने धूप-बारिश से बचाव के लिए शेड की व्यवस्था की जाए, ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा मिले। कर्बला मुख्य द्वार के सामने टूटी हुई इंटरलॉकिंग की मरम्मत कराई जाए। कर्बला के बगल में स्थित अमया कब्रिस्तान के अंदर रास्ता बनवाया जाए और मिशन अस्पताल के पीछे से ग्राम अमया को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण हो।
हाटन रोड पर शिया कब्रिस्तान परिसर में शेड बनवाया जाए और पानी की निकासी की समस्या का समाधान किया जाए। साथ ही कब्रिस्तान में जमा कूड़े की सफाई की जाए।
मोहल्ला पटेल नगर वार्ड नंबर 21 के स्वर्गीय पावर हुसैन के इमामबाड़े पर हाई मास्क व कटरकूतर लगाए जाएं, मकबूत मस्जिद पर वाटर कूलर लगाया जाए और आर्यनगर-आंचौले क्षेत्र में भी वाटर कूलर की व्यवस्था की जाए।
मोहल्ला सुभाष नगर वार्ड नंबर 23 से निकलने वाले महत्त्वपूर्ण मोहर्रम जुलूस के मार्ग में सड़कों और गलियों की स्थिति बेहद खराब है, क्योंकि जीवन मिशन योजना के तहत सड़कों को खोदा गया है, जिससे पैदल चलना मुश्किल हो गया है। बरसात के मौसम में जलभराव की संभावना है, इसलिए जल्द से जल्द सड़क सुधार कार्य कराया जाए।
नगर पालिका द्वारा शिया समुदाय के दिए गए प्रार्थना पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जो एक गंभीर समस्या है।
ज्ञापन में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि मोहर्रम पर्व न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि देश-विदेश से श्रद्धालु इस मौके पर उतरौला आते हैं, जिनमें अमेरिका, दुबई, सऊदी अरब, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, मुंबई, पुणे, गुजरात, कोलकाता, दिल्ली, हैदराबाद, राजस्थान और अन्य प्रदेशों से लोग शामिल हैं। इस प्रकार यह पर्व नगर के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
अंत में आदिल हुसैन ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से शहर की इन समस्याओं का संज्ञान लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है ताकि मोहर्रम पर्व को सुविधाजनक, सुरक्षित और भव्य तरीके से मनाया जा सके। उन्होंने नगर पालिका परिषद को भी सक्रिय और जवाबदेह बनने का आह्वान किया है।
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