यूरिया के लिए लंबी कतारों में लगकर भी निराश लौट रहे किसान - राष्ट्र की परम्परा
August 19, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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यूरिया के लिए लंबी कतारों में लगकर भी निराश लौट रहे किसान

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। जिले में यूरिया की किल्लत को लेकर किसान परेशान हैं। एक बोरी यूरिया खाद के लिए पूरे दिन लंबी लाइनों में लगे रहने के बाद भी किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। बहुत किसान ऐसे भी हैं जो लंबी कतारों में लगकर भी बिना खाद खरीदे ही उनके आधार कार्ड या ई-पास मशीन के माध्यम से खाद जारी होने की जानकारी मिल रही है। मसलन उनके नाम पर कोई दूसरा व्यक्ति उर्वरक खरीद रहा है। यह समस्या खाद्य वितरण प्रणाली में धोखाधड़ी और अनियमितताओं का संकेत देती है। जिससे किसान निराश होकर वापस लौट रहे हैं। जिले में इस तरह से यूरिया की कालाबाजारी और ओवररेटिंग की जा रही है। पिछले एक महीनों से जिले में यूरिया की किल्लत बनी हुई है। समितियों व फुटकर दुकानदारों पर उमड़ी किसानों की भीड़ को रोकने के लिए प्रशासन को पुलिस कर्मियों की तैनाती करनी पड़ रही है। धान फसल की टॉप ड्रेसिंग के लिए किसानों को यूरिया की आवश्यकता है। किसान यूरिया लेने के लिये कई कई दिनों तक सहकारी समितियों पर लाइन में लगे रहते हैं। इसके बावजूद अधिकतर किसानों को खाद नहीं मिल पाती है। पूरे दिन लाइन में लगे रहने के बाद भी यूरिया न मिलने पर आक्रोशित किसान ने चक्काजाम, प्रदर्शन के साथ-साथ दुकानदारों पर कालाबाजारी का आरोप भी लगा रहे हैं। किसानों का आरोप है कि जब समितियों पर हजारों लोगों की लाइन लगी रहती है। तब वहां पर्याप्त मात्रा में यूरिया नहीं उपलब्ध हो पाती है। जिससे आधे से अधिक किसानों को वापस लौटना पड़ता है। इसके बावजूद अधिकांश समितियों पर ताला लगा रहता है। जिला कृषि अधिकारी का फोन नहीं उठता है। जबकि बाजार महंगे दामों में यूरिया खाद बेची जा रही है। सीमावर्ती ब्लॉक नवाबगंज क्षेत्र धान की खेती के लिए जान जाता है। धान की रोपाई को दो महीने हो चुके हैं। किसानों को न तो सहकारी समिति से, न सहकारी संघ से और न ही निजी दुकानदारों से खाद मिल पा रही है। इससे धान की फसल खराब होने का खतरा बढ़ गया है।