ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए जैश-ए-मोहम्मद ने मंगवाया विस्फोटक सामग्री

नई दिल्ली।(Rkpnews desk ) वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) की ताज़ा रिपोर्ट ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की नई और चिंताजनक रणनीति को उजागर किया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2019 के पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया था।
FATF के अनुसार, जैश ने पारंपरिक हथियारों और संसाधनों की खरीद से हटकर, ई-कॉमर्स साइट्स — विशेष रूप से अमेज़न जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों — का उपयोग करके रसायन, इलेक्ट्रॉनिक डिटोनेटर और विस्फोटक उपकरण मंगवाए। इस प्रकार, उन्होंने डिजिटल तकनीक के सहारे सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने की साजिश रची।
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की शरण में आतंकी
रिपोर्ट में बताया गया है कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने फर्जी आईडी, प्रॉक्सी सर्वर और छद्म पते का उपयोग करके इन ऑनलाइन आर्डर को अंजाम दिया। मंगवाए गए सामानों की डिलीवरी भारत के भीतर तय स्थानों पर कराई गई, जहां इनसे बाद में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) तैयार किए गए।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की बढ़ी फजीहत
FATF की रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रहे आतंकी संगठन न सिर्फ सक्रिय हैं, बल्कि उन्होंने आतंक फैलाने के तौर-तरीकों में भी तकनीकी रूप से खुद को अत्याधुनिक बना लिया है। इससे पाकिस्तान की वैश्विक मंचों पर और भी किरकिरी हो रही है, जो FATF की ग्रे लिस्ट से निकलने की भरसक कोशिश कर रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए चेतावनी
इस रिपोर्ट के प्रकाश में आने के बाद भारत की खुफिया और साइबर सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक गंभीर चेतावनी मानी जा रही है। यह घटनाक्रम बताता है कि आतंकवाद का स्वरूप बदल रहा है, और अब डार्क वेब, क्रिप्टो करेंसी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे डिजिटल टूल आतंक के नए हथियार बनते जा रहे हैं।
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