गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के स्नातक कार्यक्रम में पढ़ाये जाने वाले सभी दक्षता अभिवृद्धि कोर्सेज तथा कौशल अभिवृद्धि पाठ्यक्रमों की पाठ्य सामग्री और वीडियो लेक्चर विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्णय लिया है, ताकि विश्वविद्यालय के साथ-साथ महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को भी इसका समान लाभ मिल सके।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में पारम्परिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ विद्यार्थियों की दक्षता (एबिलिटी) एवं कौशल (स्किल) में अभिवृद्धि पर खासा जोर दिया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा उ.प्र. शासन ने चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में भी इसके लिए विशेष प्रावधान किये हैं। इसके अन्तर्गत प्रत्येक विद्यार्थी स्नातक की अपनी पढ़ाई के पहले चार सेमेस्टरों में दक्षता अभिवृद्धि का एक-एक कोर्स करेगा। इसी तरह वह पहले तीन सेमेस्टरों में प्रत्येक में कोई एक कौशल अभिवृद्धि यानी स्किल इनहैंसमेन्ट का कोर्स भी करेगा।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में भी यू.जी.सी. और उत्तर प्रदेश शासन के इसी प्रारूप के अनुरूप दक्षता अभिवृद्धि कोर्सेज (ए.ई.सी.) तथा कौशल अभिवृद्धि कोर्सेज (एस.ई.सी.) के अन्तर्गत कई तरह के कोर्सेज का विकल्प रखा है। विश्वविद्यालय में पहले भी इस प्रकार के पाठ्यक्रम कोकरिकुलर तथा वोकेशनल पाठ्यक्रमों के रूप में चलते थे, लेकिन इनके नियमित अध्ययन-अध्यापन की कोई व्यवस्था नहीं थी। कई मामलों में समय-सारणी में भी उल्लेख नहीं था। महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को भी इसके चलते परीक्षा देने में कठिनाई होती थी और अनेक विद्यार्थी अपने मूल विषयों में उत्तीर्ण होते हुए भी इन कोर्सेज में अनुत्तीर्ण होने के कारण प्रोन्नत नहीं हो पाते थे।
इन समस्याओं के दृष्टिगत कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने निर्णय लिया है कि इन कोर्सेज की पाठ्यक्रम सामग्री विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध हो, जिससे परिसर और महाविद्यालय के विद्यार्थी बेहतर ढंग से इसकी तैयारी कर सकें। यह पाठ्यक्रम सामग्री तैयार करने का दायित्व विभागों का होगा। पाठ्यक्रम की गुणवत्ता और स्तर सुनिश्चित करने के लिए पाठ्यक्रम सामग्री तैयार करने के लिए विशेषज्ञों को मानदेय भी दिया जायेगा। विश्वविद्यालय की वित्त समिति द्वारा कार्य परिषद ने भी इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। प्रशासन की योजना है कि इस सप्ताह में यह कोर्सेज वेबसाइट पर अपलोड करा दिये जायें ताकि विद्यार्थियों को अध्ययन का समय मिल सके।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि ‘‘ये कोर्सेज राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अभिन्न अंग है। इसे ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय तथा कालेजों के विद्यार्थियों के लाभ के लिए यह पाठ्य सामग्री शीघ्र ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध करायी जा रही है।’’
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