( मऊ से धीरेन्द्र कुमार तिवारी की रिपोर्ट)
मऊ। (राष्ट्र की परम्परा)मऊ जनपद के बहुचर्चित हेट स्पीच मामले में विधायक अब्बास अंसारी को सेशन कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जिला मुख्यालय स्थित दीवानी कचहरी के सेशन कोर्ट के न्यायाधीश राजीव कुमार वत्स ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए अब्बास अंसारी की दो वर्ष की सजा को बरकरार रखा, हालांकि उन्हें जमानत दे दी गई है।
मामला वर्ष 2022 का है, जब चुनाव प्रचार के दौरान अब्बास अंसारी ने एक सभा में दिए गए भाषण में कथित रूप से भड़काऊ और आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर न्यायिक प्रक्रिया प्रारंभ हुई।
हाल ही में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके विरुद्ध उन्होंने सेशन कोर्ट में अपील दायर की थी। आज सेशन कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि निचली अदालत द्वारा दी गई सजा उचित है, इसलिए उसे संबंधित तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर बरकरार रखा गया है।
हालांकि, अदालत ने यह भी माना कि अपीलकर्ता को जमानत पर छोड़ा जा सकता है, जिसके बाद अब्बास अंसारी को न्यायालय से जमानत मिल गई। लेकिन, यह फैसला उनके लिए एक बड़ा कानूनी झटका माना जा रहा है क्योंकि अब उनके ऊपर दोष सिद्ध हो चुका है और सजा की पुष्टि उच्च न्यायालय स्तर पर भी हो चुकी है।
क्या है आगे की राह?
विधायक अब्बास अंसारी के पास अब उच्च न्यायालय में अपील का विकल्प खुला है। यदि वे अपनी सजा के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पुनः अपील करते हैं, तो मामला वहां पुनः समीक्षा के लिए जाएगा।
पृष्ठभूमि:
अब्बास अंसारी माफिया डॉन से राजनेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे हैं और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से विधायक हैं। चुनावी भाषणों और आक्रामक तेवरों को लेकर वे हमेशा सुर्खियों में रहे हैं।
यह फैसला उनके राजनीतिक भविष्य पर असर डाल सकता है, क्योंकि यदि सजा बरकरार रहती है और दो वर्ष से अधिक की सजा होती है, तो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अंतर्गत उनकी विधायकी भी खतरे में पड़ सकती है।
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